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सावन के पहले सोमवार पर शिव मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पांचाल काल में भी था त्रिवटी नाथ का अस्तित्व
शंकर जगत बंधु जगदीशा। सुर नर मुनि सब नावहिं सीसा।। सावन के पहले सोमवार को शिवालयों में तुलसी कृत रामचरित मानस की यह चौपाई सच होती दिखी। बरेली के त्रिवटी नाथ मंदिर में सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ लग गई। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, शहद, दूध, अगरबत्ती जलाकर बाबा की पूजा अर्चना की।
प्रेमनगर स्थित त्रिवटी नाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार के मौके पर बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ से ही लग गई। पूरे दिन देर तक दर्शन के लिए श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन करते हुए देखे गए। सुबह से मंदिर में लश्रद्धालु जलाभिषेक के साथ पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से बाबा भोलेनाथ के दर्शन किये।
मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालओं ने बताया कि वह भीड़ से बचने के लिए सुबह ही मंदिर पहुंचे थे। यहां पहले से भीड़ पहुंच चुकी थी। इसके बावजूद उन्हें बाबा भोलेनाथ के दर्शनआसानी से हुए और उनका आशीर्वाद मिला। श्रद्धालु रचित अग्रवाल ने बताया कि कोरोना के चलते वह पिछले दो सालों से सावन में बाबा के दर्शन नहीं कर सके थे। आज उन्होंने बाबा के दर्शन किये है। और प्रार्थना की कि कोरोना से सारी सृष्टि को मुक्ति मिले और सभी पर बाबा का आशीर्वाद बना रहे | मंदिर के बाहर तमाम दुकानें भी सजी हुई है जहां पूजा में इस्तेमाल होने वाली बेल पत्ती के साथ बेर , बेल सहित अन्य सामान बिक रहा है | वही प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा बलों को तैनात किया है | मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति पर सुरक्षा बल अपनी नजर बनाये हुए है |
पांचाल काल में भी था त्रिवटी नाथ का अस्तित्व
त्रिवटी नाथ का अस्तित्व प्राचीन काल से है। यहाँ अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने पूजा अर्चना की थी और अपने लिए आशीर्वाद माँगा था। त्रिवटी नाथ के बारे में भी कहा जाता है कि यहां शिवलिंग स्वयं प्रकट हुए है इसलिए त्रिवटी नाथ मंदिर के प्रति लोगों में विशेष आस्था है।
मंदिर के महंत रविंद्र मिश्रा ने बताया कि त्रिवटी नाथ मंदिर को कुछ लोग टिवरी नाथ मंदिर के नाम से जानते है। इस मंदिर को बने 605 वर्ष हो चुके है और कभी यहां पांचाल राज्य था यहां घोर जंगल हुआ करता था। यहां एक चरवाह गाय चराने आया और सो गया तो उसे अहसास हुआ कि कोई उसे जगा रहा है। जब उसने देखा तो वहां एक बहुत बड़ा शिवलिंग उभर आया। इसके बाद उसने अपने आसपास के लोगों को बताया इसके बाद बड़ा जनसैलाब यहाँ पहुंच गया। इसके बाद लोगों का यहां आना शुरू हो गया। लोग यहाँ आते है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।