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अटारी बॉर्डर पर तैनात देश का पहला ड्रोन डिटेक्टर डॉग, ये हैं बड़ी खासियत

सीमा सुरक्षा बल ने पाकिस्तानी ड्रोन की गति का पता लगाने के लिए सीमा पर एक कुत्ते को तैनात किया है, जो दूर से ड्रोन की आवाज का पता लगा सकता है। इसके लिए पंजाब में भारत-पाकिस्तान से भारतीय शेफर्ड नस्ल फ्रूटी की एक मादा कुत्ते को ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ राष्ट्रीय कुत्ता प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित किया गया है।

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इसकी तैनाती के कारण, भारत अपने पड़ोसियों की ड्रोन गतिविधियों की निगरानी के लिए ट्रेंड डॉग को तैनात करने वाला इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा देश बन गया है। पिछले दो वर्षों में हेरोइन तस्करी और ड्रोन शिपमेंट में वृद्धि देखी गई है। प्रशिक्षित कुत्ते की मदद से इन घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

जर्मन शेफर्ड नस्ल के मादा कुत्ते की सुनने की क्षमता अच्छी होती है। वे ध्वनि तरंगों को आसानी से पकड़ लेते हैं। इसके लिए जर्मन फ्रूटी को चुनकर ग्वालियर के टेकनपुर स्थित बीएसएफ के नेशनल डॉग ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया, जहां उन्हें ध्वनि तरंगों को पकड़ने का प्रशिक्षण दिया गया। दो महीने के प्रशिक्षण के बाद, कुत्ते को ड्रोन की आवाज़ से परिचित कराया गया, जिससे यह देश का पहला ड्रोन खोजी कुत्ता बन गया। यह दूर से ड्रोन की आवाज को पहचान कर सैनिकों को अलर्ट करता है। प्रशिक्षण पूरा करने और विशेषज्ञों का काम देखने के बाद उन्हें अटारी सीमा पर तैनात किया गया था।

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