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Coronavirus: डायबिटीज के मरीजों की कोरोना से मरने की संभावना दोगुनी

शुरुआती दिनों में जब कोरोना वायरस ने दुनिया पर कहर बरपाया तो यह साफ हो गया कि यह डायबिटीज रोगियों के लिए दूसरों से ज्यादा घातक है। अब, एक नए अध्ययन में पाया गया है कि डायबिटीज वाले लोगों में कोविड -19 से मरने की संभावना लगभग दोगुनी और गंभीर संक्रमण होने की संभावना से लगभग तीन गुना अधिक होती है। ब्रिटेन में एबरडीन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दुनिया भर के हजारों लोगों के डेटा की समीक्षा की और पाया कि बीमारी के बेहतर प्रबंधन से जोखिम कम हो सकता है।

इस शोध में दुनिया भर के 2.7 लाख लोग शामिल

शोधकर्ताओं की टीम में किंग्स कॉलेज लंदन के शोधकर्ता भी शामिल थे। शोध दल ने पाया कि डायबिटीजके रोगियों में गंभीर बीमारी और कोविड के कारण मृत्यु होने की संभावना अधिक थी, लेकिन यदि ऐसे रोगियों में रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जाए तो जोखिम को काफी कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में 270,000 से अधिक लोगों को शामिल करते हुए 158 विभिन्न अध्ययनों के निष्कर्षों की समीक्षा की। शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि कोविड डायबिटीज वाले लोगों को कैसे प्रभावित करता है।

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शोधकर्ताओं के अनुसार, निष्कर्ष बताते हैं कि डायबिटीज के रोगियों में कोविड से मरने की संभावना 1.87 गुना अधिक है और गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) में भर्ती होने की 1.59 गुना अधिक संभावना है। चीन, कोरिया, अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व सहित दुनिया भर से अध्ययन के लिए डेटा एकत्र किया गया था। इस बीच एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 वैक्सीन की फाइजर या मॉडर्ना की चौथी खुराक सुरक्षित है और तीसरी खुराक से ज्यादा एंटीबॉडी के स्तर को बढ़ा देती है।

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