फेफड़ों से जुड़ा है कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट, पहुंचाता है इतना नुकसान
कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट देश में अपने पैर पसार रहा है. इसके साथ ही डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. अब तक देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के 51 मामले आ चुके हैं. डेल्टा प्लस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से आए हैं.
राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 कार्य समूह (NTAGI) के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने जानकारी दी. दूसरे वैरिएंट्स की तुलना में ‘डेल्टा प्लस’ का फेफड़ों के उत्तकों से अधिक जुड़ाव मिला है. अन्य वैरिएंट की तुलना में डेल्टा प्लस की फेफड़ों के भीतर ज्यादा मौजूदगी मिली है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इससे गंभीर बीमारी होगी या यह ज्यादा संक्रामक है.
डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि कुछ और मामलों की पहचान के बाद डेल्टा प्लस के असर के बारे में तस्वीर ज्यादा स्पष्ट होगी. लेकिन टीके की एक या दोनों खुराक ले चुके लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण दिखते हैं. इसके प्रसार पर करीबी नजर रखनी होगी, ताकि हमें इससे फैलने वाले संक्रमण का पता चले.
उन्होंने आगे कहा कि डेल्टा प्लस स्वरूप के जितने मामलों की पहचान हुई है. उससे अधिक मामले हो सकते हैं. क्योंकि कई ऐसे व्यक्ति हो सकते हैं जिनमें संक्रमण का कोई लक्षण नहीं हो. लेकिन वे संक्रमण का प्रसार कर रहे हों.
बता दें कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप डेल्टा प्लस की 11 जून को पहचान हुई. इसे ‘चिंताजनक स्वरूप’ के तौर पर वर्गीकरण किया गया है.