वाराणसी: उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद की किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या -नेशनहुड इन अवर टाइम्स’को लेकर अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। बता दें कि वाराणसी के संतो ने उनकी किताब को हिंदुत्व आतंकवाद के मुद्दे को लेकर की लिखी किताब बताया है। वाराणसी के संतो ने सलमान खुर्शीद के खिलाफ आक्रोश जताते हुए उनकी पुस्तक को बैन करने की मांग की है साथ ही उन्होंने सलमान खुर्शीद को देशद्रोही और शांति भंग करने वाले आतंकवादी की संज्ञा दे डाली। इतना ही नहीं काशी के संतों ने सलमान खुर्शीद को हिंदू धर्म को जानने के लिए स्वास्थ्य पढ़ने की नसीहत दी है।
गौरतलब है कि सलमान खुर्शीद की किताब सनराइज और अयोध्या में आईएसआईएस और बोको हरम से हिंदुत्व की तुलना किए जाने पर संतों में काफी नाराजगी देखने को मिली है। संतो ने कहा कि सलमान खुर्शीद हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं और उन्हें हिंदू धर्म का ज्ञान ही नहीं।
बता दें कि काशी के पातालपुरी मठ के महंत बालक दास ने कहा सलमान खुर्शीद एक नास्तिक व्यक्ति हैं। उन्होंने अब तक भारत में वैमनस्यता फैलाई हैं। उनकी पुस्तक का कोई महत्व नहीं है क्योंकि उन्हें हिंदू धर्म का ठीक से ज्ञान नहीं। जिन्ना की मजार पर चादर देश धर्म को बांटने के लिए नहीं चढ़ाई थी हर जगह भी शांति दूत बनकर गए थे।
वहीं दूसरी तरफ अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्र आनंद सरस्वती ने कहा कि सलमान खुर्शीद देशद्रोहियों के साथ खड़े हैं। यही लोग हैं जिन लोगों ने राहुल गांधी जैसे मूर्ख को समझा समझा कर कांग्रेस पार्टी को डुबो दिया। आखिर इनकी जुबान अफगानिस्तान में तालिबानियों के बारे में क्यों नहीं खुलती। स्वामी जितेंद्र आनंद सरस्वती ने कहा कि सलमान खुर्शीद जैसे राजनेताओं के बयान पर विश्वास नहीं किया जा सकता हिंदुओं को आतंकवादी बताने वाले को ध्यान रखना चाहिए कि यदि हिंदू आतंकवादी होते तो इस देश में सलमान खुर्शीद जैसे लोग बेलगाम नहीं होते।