यूपी से प्यार राजस्थान पर वार ऐसा है कांग्रेस का दोहरा व्यवहार
राजस्थान से आए आंदोलन कर रहे युवाओं को कांग्रेसियों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
शनिवार 17 जुलाई को भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर राजस्थान से आए आंदोलनरत युवा घूमते रहे। दरअसल कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती संविदा पर करने के खिलाफ ये युवा राजस्थान में आंदोलन कर रहे है जो अपनों भर्ती को लेकर लखनऊ प्रियंका गांधी से मिलने आए थे।
लखनऊ में उन्हें शुक्रवार 16 जुलाई की रात प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के भीतर पार्टी कार्यकर्ताओं ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। जिसमें कई युवा घायल भी हो गए है। इसके बावजूद वे लखनऊ से वापस राजस्थान नहीं गए।
युवाओं का कहना है कि राजस्थान के चुनाव में हमने कांग्रेस का समर्थन किया था। इसलिए हम कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अपनी बात बताएं बिना यहां से नहीं जाएंगे।शुक्रवार को प्रियंका ने अपने कार्यकर्ताओं को अहिंसा का पाठ पढ़ाया और पंचायत चुनाव में प्रदेश सरकार पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाते हुए उसकी कड़ी आलोचना भी की थी। लेकिन, पार्टी कार्यकर्ता कुछ ही घंटे में उनके सिखाए गए इस पाठ को भूल गए।
राजस्थान से आए बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने बताया कि उनके राज्य में कंप्यूटर अनुदेशक के 10453 पद पर भर्तियां निकली हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा पहले ही कह चुकी हैं कि संविदा पर निकली भर्ती बेरोजगारों का अपमान है। तो फिर यह काम कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में क्यों हो रहा है।
उपेन ने कहा है कि शुक्रवार को पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उन्हें प्रियंका से मिलवाने का विश्वास दिलाते रहे लेकिन रात में कुछ कार्यकर्ता आए और उन पर राजनीतिक दल के इशारे पर आने का आरोप लगाते हुए उन्हें चले जाने को कहा। जब बेरोजगार युवाओं ने कार्यकर्ताओं की बात नहीं मानी तो अनलोगों ने उन्हें बुरी तरह से पीटा।
युवाओं ने पिटाई के दौरान उनके शरीर पर आए अपने चोट के निशान भी दिखाए। हेमराज बैरा, विक्रम सिंह गुर्जर और नरेश चौधरी ने बताया कि वे लखनऊ न्याय की मांग करने आए हैं। किसी पार्टी विशेष के इशारे पर आए होते तो एक महीने से ही दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे होते।
युवाओं का कहना है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने रविवार को उन्हें सुबह नौ बजे प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलवाने का भरोसा दिलाया है। जिसके पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि अभी उन्हें इस मामले की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने पीसीसी मुख्यालय पर राजस्थान से आए युवाओं को पीटे जाने की घटना से भी इंकार किया।
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