कांग्रेस ने कुमाऊँ की 15 सीटों से घोषित किये अपने उम्मीदवार, पार्टी में जानिए किस वजह से गूंजे बगावत के स्वर
उत्तराखंड। उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से कांग्रेस अपनी वापसी करने का प्रयास कर रही है। जिसके लिए कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।। इसके चलते कांग्रेस ने कुमाऊं की 15 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसके साथ ही कांग्रेस की चुनौतियां भी बढ़ गयी है। यह चुनौती दो प्रकार से हो सकती है, पहली इन सीटों पर निर्दलीय रूप में मैदान में उतरने वाला दावेदार पुराना कांग्रेसी हो सकता है। इसके साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि टिकट से वंचित दावेदार घोषित प्रत्याशी को कमजोर करने की कोशिश करेंगे। इन हालात में प्रत्याशी के लिए भीतरघात बड़ी समस्या रहेगी। इसकी खास वजह दावेदारी पेश करने वाले ज्यादातर नेता पार्टी के किसी न किसी तरह से करीबी है। शीर्ष नेतृत्व चाहे लाख दावे करे। लेकिन हरदा और प्रीतम गुट की अलग-अलग राह यहां पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। ऐसे में टिकट वितरण के बाद शीर्ष नेतृत्व को यहां एक प्रभावी राजनीतिक आपदा प्रबंधक की भी जरूरत होगी।
कमाऊं क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में 29 सीट है। इनमें से काशीपुर, गदरपुर, किच्छा, सितारगंज, सल्ट, अल्मोड़ा, डीडीहाट, गंगोलीहाट, कालाढूंगी, लालकुआं, चम्पावत में दावेदारों की संख्या ज्यादा है। राजेन्द्र ने सोमेश्वर से पिछला चुनाव 700 वोटों से हारां था। इस बार राजेंद्र बाराकोटी के अलावा राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने भी दावेदारी पेश की है। रामनगर में कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत को टिकट देने पर संजय नेगी को दोबारा मनाना भी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा। ये लड़ाई हरदा के समर्थक व विरोधी गुट के बीच की अधिक है।