
कानपुर में मेट्रो ऑटोमेटिक वाशिंग प्लांट बनने से यात्रियों को मिलेगी यह सुविधा
कानपुर में मेट्रो ट्रेनों की धुलाई के लिए आटोमेटिक वाशिंग प्लांट बनने की शुरूआत हो गई है। ट्विन पियर कैप पर पालीटेक्निक डिपो के बाहर आटोमेटिक वाशिंग प्लांट बनने जा रहा है। मेट्रो ट्रेन के आने से पूर्व आटोमेटिक वाशिंग प्लांट का काम पूरा कर लिया जाएगा।
गीता नगर स्टेशन से होते हुए जब मेट्रो ट्रेनें डिपो के अंदर जाएंगी तो डिपो के अंदर प्रवेश करने से पूर्व मेट्रो खुद साफ हो जाएंगी। मेट्रो सफाई के लिए बनाए गए ट्विन पियर कैप के ऊपरी हिस्से में आटोमेटिक वाशिंग प्लांट को बनाने का काम हो रहा है। मेट्रो ट्रेन के डिपो में आते तथा डिपो से जाते वक्त दोनों वक्त की बाहर से पूरी धुलाई हो जाएगी।
ट्रेन को इसके लिए प्लांट में रोकने की जरूरत नहीं होगी। ट्रेन जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, वाशिंग प्लांट में लगे ब्रश तथा शावर उसको धोते जाएंगे। इसके लिए पानी डिपो के अंदर से पंप के द्वारा जमीन से 30 फीट की ऊंचाई पर बने इस प्लांट में पहुंचाया जाएगा। इसके लिए ट्रैक के दोनों तरफ ट्विन पियर कैप पर पिलर को बनाया जा रहा हैं।
स्टील के इन पिलरों के साथ ट्रेन के ऊपर की ओर घूमे पिलर भी लगेंगे। इनमें ब्रश तो लगाए जायेंगे साथ ही पानी की फुहारों के लिए शावर भी लगाए जायेंगे। ट्रेन को धोने के लिए जिस पानी प्रयोग किया जाएगा, वह पानी पाइप लाइन से होता हुआ डिपो में वापस पहुंच जाएगा।
पालीटेक्निक डिपो में प्रयोग किए गए पानी को दो अलग-अलग ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर रीसाइकिल किया जाएगा। यह इसलिए होगा इससे प्रयोग किया गया पानी प्लांट से बाहर ना करना पड़े। आटोमेटिक वाशिंग प्लांट में यहीं ट्रेनों की सफ़ाई तथा मेंटीनेंस शेड में ट्रेनों की दुरुस्ती से निकलने वाले केमिकल वाले पानी को रीसाइकल के लिए 70 हज़ार लीटर रोजाना की क्षमता से ईटीपी लगाया जाएगा।
किचन, वाशरूम तथा फ्लोर की सफाई से निकले पानी को रीसाइकिल के लिए 10 हज़ार लीटर प्रतिदिन की क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा।