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77वें स्वतंत्रता दिवस पर सीएम योगी ने किया ध्वजारोहण

वीर रणबांकुरों व उनके परिजनों को किया सम्मानित, पंच प्रण की दिलाई शपथ

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को विधान भवन पर ध्वजारोहण किया। इस दौरान सीएम ने वीर रणबांकुरों व उनके परिजनों को सम्मानित भी किया और उपस्थित लोगों को पंच प्रण की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमृत काल की इस पावन बेला पर देश की आजादी के 77वें पावन जयंती के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई दी। सीएम ने भारत मां के शहीद हुए सपूतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह आजादी के अमृतकाल का प्रथम आयोजन है। 12 मार्च 2021 से पीएम मोदीजी ने आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ गुजरात के साबरमती के तट पर नए संकल्प, नए उत्साह व उमंग के साथ इस आयोजन को करने का आह्वान किया था। 75 सप्ताह के साथ अनेक कार्यक्रमों के साथ जुड़ता हुआ यह आयोजन अमृत महोत्सव के समारोप की ओर है, वहीं आगामी 25 वर्ष की अमृत काल की नई कार्ययोजना के साथ भी हम सभी का आह्वान कर रहा है। 25 वर्ष के बाद जब देश आजादी का शताब्दी मना रहा होगा, तब हमें कैसा भारत चाहिए। उस भारत के सपने को साकार करने के लिए नए संकल्प के साथ हम सब इस पावन आयोजन के साथ जुड़े हुए हैं।

अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया तो भावी पीढ़ी सम्मानित करेगी

सीएम ने कहा कि अभी कुछ देर पूर्व एक भारत श्रेष्ठ भारत का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यूपी व देश के अलग-अलग भागों से आए कलाकारों ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत के पीएम मोदी के संकल्प के साथ जो झांकी प्रस्तुत की,  उसे व्यावहारिक धरातल पर उतारने के कार्यक्रम के साथ हमें जुड़ना होगा। पंच प्रण के संकल्प के साथ भारत मां के महान सपूतों ने खुद को बलिदान किया था। उन वीर परिवारों को सम्मानित किया गया। देश की सुरक्षा के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के परिवारों के सम्मान का यह आयोजन देश समेत यूपी के 75 जनपदों, 58 हजार ग्राम पंचायतों, 762 नगर निकायों में हो रहा है। हर किसी के मन में इस बात की अनुभूति होनी चाहिए कि मैंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया तो मेरी भावी पीढ़ी मुझे सम्मानित करेगी।

हमने धरती को मां के रूप में सम्मान दिया

सीएम ने कहा कि हम सब नए भारत का दर्शन कर रहे हैं। हमारे संस्कार सदैव से माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या से जोड़ते रहे हैं। हमने कभी भी धरती को जमीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि मां के रूप में सम्मान दिया है और धरती को मां के रूप में सम्मान देकर के उसके प्रति जो कुछ भी अभीष्ट व अच्छा है, वह कर गुजरने की तमन्ना के साथ हर भारतवासी कार्य करता है। य़ही कारण है कि हम हजारों वर्ष की विरासत पर गौरव की अनुभूति करते हैं। यही कारण है कि अनेकता में एकता के दर्शन भारत के अंदर होते हैं। रूप-रंग, भेष भूषा, खानपान सब अलग अलग होते हुए भी हमारे भाव एक जैसे हैं। हर भारतवासी पूरब, पश्चिम, उत्तर-दक्षिण कहीं का भी हो,  किसी भी मत-मजहब का है। वह पहले भारत मां को सर्वोपरि मानता है। जाति-मत मजहब नहीं, भारत माता व अपना देश उसकी पहली प्राथमिकता होती है। तमिलनाडु में जन्मा जवान भारत की रक्षा के लिए अपने बलिदान पर गौरव की अनुभूति करता है। जब देश के अंदर कभी कोई उपद्रव हुआ हो तो भारत के किसी भी कोने के जवानों ने बलिदान देने में संकोच नहीं किया, लेकिन उपद्रव समाप्त करेंगे, इस भाव से वह जुड़ा।

विरासत की रक्षा करना हर भारतीय का दायित्व

सीएम ने कहा कि हजारों वर्ष पहले केरल में जन्मा एक संन्यासी आदिशंकर के रूप में भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना करता है। यह भारत की सांस्कृतिक एकता के दर्शन कराता है,  जिसके बारे में प्रधानमंत्री जी ने कहा कि विरासत की रक्षा करना हर भारतीय का दायित्व है। हर भारतवासी गौरव की अनुभूति करेगा। पंच प्रणों के साथ जुड़ेगा। आज भारत के नए दर्शन के रूप में देश बढ़ रहा है। देश के आजादी के अमृत महोत्सव के प्रथम अमृत काल के प्रथम वर्ष में प्रवेश किया तो भारत पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनता है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है। हर भारतवासी के लिए यह गौरव की अनुभूति करने का अवसर है। यूपी को भी जी-20 के 11 समिट चार महानगरों (लखनऊ,  काशी, आगरा व गौतमबद्ध नगर) में आयोजित करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। नया भारत उस दिशा में आगे बढ़ने के लिए हमें प्रेरित कर रहा है।

भारत को महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के लिए हम भी कर पा रहे प्रयास

सीएम ने कहा कि पिछले 9 वर्ष में भारत की जो यात्रा प्रारंभ हुई है, वह सचमुच हर भारतवासी को विकसित भारत के संकल्प के साथ जोड़ रही है। भारत की 9 वर्षों की शानदार यात्रा,  इंफ्रास्ट्रक्चर-आंतरिक व वाह्य सुरक्षा के मोर्चे पर हो, विरासत की गौरव पर अनुभूति करने वाला क्षेत्र हो। देश में गरीब कल्याणकारी कार्यक्रमों को बढ़ाने का कार्य हो,  इस विकसित भारत के अनुरूप प्रगति को बढ़ाने के लिए जिस राज्य की सर्वाधिक भूमिका हो सकती है। हमें गौरव की अनुभूति करनी चाहिए, हम सभी उस राज्य उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और हम भी भारत को महाशक्ति को स्थापित करने के लिए प्रयास कर पा रहे हैं।

जहां भारत की आत्मा बसती है, हम उस उत्तर प्रदेश के वासी हैं

सीएम ने कहा कि पिछले छह वर्ष के अंदर पीएम मोदी के नेतृत्व में यूपी ने जिस यात्रा को प्रारंभ किया है। वह प्रदेशवासियों के सामने है। हर प्रदेशवासी जानता है कि हमारे सामने पहचान का संकट नहीं है। यूपी का नागरिक जहां भी जाएगा, वह कहेगा कि भारत की आत्मा जहां बसती है, हम उस उत्तर प्रदेश के वासी हैं। इसके लिए परिश्रम करना पड़ता है। परिश्रम की नई पराकाष्ठा और ईमानदारी के साथ प्रक्रिया को जोड़ने का कार्यक्रम बढ़ाया जाता है। उसका परिणाम देखने को मिलता है। आज प्रदेश की कानून व्यवस्था व सुरक्षा के बेहतर वातावरण ने यूपी की बदली धारणा को बढ़ाया है। यूपी को सुरक्षा का बेहतर माहौल देने वाले वीरों, पुलिस के जवानों ने योगदान दिया। बहुत जवान शहीद हुए पर यूपी की सुरक्षा-कानून व्यवस्था के साथ किसी को खिलवाड़ की अनुमति नहीं देंगे, इस संकल्प के साथ उन जवानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

विकसित भारत का मार्ग यूपी से होकर जाता है

सीएम योगी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव का रास्ता पंच प्रण से जाता है। यह संकल्प शपथ के रूप में हमने ग्रहण किया है। हर ग्राम पंचायत, नगर निकाय, समारोह पूर्वक लोग संकल्प ले रहे हैं। कोरोना महामारी हमारे संकल्प के आगे पराजित हुआ। दुनिया के कई क्षेत्र अभी भी कोरोना के आगे पस्त हैं, पर हम आगे बढ़ रहे हैं। कारण है संकल्पशक्ति जब स्वार्थ से उठकर आगे बढ़ती है तो वास्तविक रूप में परिणाम के रूप में दिखता है। हमें भी संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। आने वाला 25 वर्ष का कालखंड नई ऊर्जा व उत्साह के साथ जुड़ने का आह्वान कर रहा है। नए भारत के दर्शन के लिए विकसित भारत का मार्ग सबसे बड़ी आबादी वाले यूपी से होकर जाता है। पंच प्रण विकसित भारत, विरासत का सम्मान, गुलामी के दंश से मुक्ति, एकता व एकीकरण हम सबका संकल्प होना चाहिए। इसकी अंर्तनिहित आत्मा है कि हर नागरिक अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए आगे बढ़ेगा तो कोई कारण नहीं कि 2027 में यूपी वन ट्रिलियन डॉलर व देश 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी के साथ तीसरी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित होगा।

 

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