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तीसरी लहर से निपटने के लिए सीएम योगी ने दिए निर्देश, सभी व्यवस्थाएं करें दुरुस्त

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए हर स्तर पर जल्द से जल्द तैयारी पूरी कर ली जाए। पीआईसीयू, एनआईसीयू के अलावा सामान्य बेड का भी इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री गुरुवार को टीम 9 की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 जून से शुरू होने वाले सभी जिलों के टीकाकरण की तैयारी पूरी कर ली जाए। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी लहर के अलावा बारिश शुरू होते ही संक्रामक बीमारियां भी फैलती हैं। ऐसे में अभी से की गई तैयारी इन बीमारियों से भी लड़ने में मदद करेगी। बेड के अलावा दवा और ऑक्सीजन का भी आकलन करके उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को चिकित्सा शिक्षा मंत्री खुद मॉनीटर करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। इसकी हर दिन मॉनीटरिंग की जाए। 

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बेसिक शिक्षा विभाग में ऑपरेशन कायाकल्प की तर्ज पर स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन विभाग में भी अभियान चला कर व्यवस्था सुदृढ़ की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं संचालित की जाए। अब करोना का असर कम हो रहा है ऐसे में दूसरी बीमारियों के मरीज इमरजेंसी में बढ़ सकते हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीज को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिले।

सीएम ने कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट से वेस्टेज रोकने में बहुत सहायता मिली है। विगत 24 घंटे में 572 एमटी ऑक्सीजन वितरित की गई, इसमें 326 एमटी रीफिलर को उपलब्ध कराई गई। सभी जिलों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। भविष्य की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान स्वरूप में की जा रही है। 

ब्लैक फंगस की वैकल्पिक दवाओं का करें इंतजाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों को हर हाल में इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएं। चिकित्सा विशेषज्ञों ने एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन के अतिरिक्त दो टैबलेट को भी कारगर पाया है। चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श करते हुए इन टैबलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी सहित जहां कहीं भी ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज हो रहा है, स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग यहां के सभी अस्पतालों के सतत संपर्क में रहें। 

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