गोरक्षा को लेकर सीएम योगी ने कहा- सिर्फ भाषणों से नहीं चलेगा काम
गोरखपुर: सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सभी धार्मिक संस्थाओं से आह्वान किया है कि वे गोरक्षा, संस्कृत व संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आएं। इसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने भारत और भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए हर भारतीय को तैयार रहने का भी संदेश दिया।
मुख्यमंत्री योगी ने यह विचार ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की बावनवीं व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की सातवीं पुण्यतिथि के अवसर पर व्यक्त किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक धार्मिक पीठ में संस्कृत विद्यालय खोले जाये। सरकार इसके लिए हर संभव सहयोग करेगी।
संस्कृत और संस्कृति को करें प्रोत्साहित: सीएम
सीएम योगी ने कहा, संस्कृत और संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए हमारे आश्रमों को आगे आना होगा। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योग्यता के आधार पर शिक्षकों का चयन किया जाना चाहिए। अयोग्य व्यक्ति संस्था का विनाश कर देगा। ऐसे में योग्य को तराशने की जिम्मेदारी धर्माचार्यों व आश्रमों को लेनी चाहिए। जिससे कि संस्कृत, संस्कृति की रक्षा के साथ-साथ गोरक्षा की जा सके।
गोरक्षा के लिए सरकार ने कीं तीन व्यवस्थाएं: मुख्यमंत्री
इस दौरान सूबे के मुखिया ने कहा, गोरक्षा के लिए सरकार तीन व्यवस्थाओं पर कार्य कर रही है। पहला- निराश्रित गोवंश के लिए आश्रय स्थल बनाया गया, जिसमें वर्तमान में छह लाख गोवंश संरक्षित किए गए हैं। दूसरा- गौवंश सहभागिता योजना है, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति आश्रय स्थलों से चार गोवंश लेकर उन्हें पालता है तो उसे प्रति गोवंश के लिए सरकार उसे प्रतिमाह नौ सौ रुपये देगी। जबकि गाय का दूध व अन्य सभी उत्पाद उसी व्यक्ति के हिस्से में आयेगा। तीसरा- कुपोषित महिलाओं व बच्चों के लिए व्यवस्था की गई है, जिसमें संबंधित परिवार को एक गाय व उसके पालने के लिए प्रतिमाह नौ सो रुपये दिए जाने की व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, एक भी धार्मिक संस्था ने सरकार से गाय नहीं ली है। हमें यह समझना होगा कि धर्म की रक्षा तभी होती है, जब हम उसके मूल और मूल्यों को समझेंगे। गोरक्षा भाषणों से नहीं बल्कि श्रद्धा और व्यवस्था से की जानी चाहिए।