
नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, जो अधिकारी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा उसपर होगी FIR
नीतीश सरकार ने भ्रष्ट्राचार पर नियंत्रण पाने के लिए उठाया कड़ा कदम
बिहार : नीतीश सरकार ने भ्रष्ट्राचार पर नियंत्रण पाने के लिए एक बार फिर से कड़े कदम उठाए हैं। जहां सरकार ने ये साफ- साफ निर्देश दे दिया है कि जो भी सरकारी कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं कर रहे है, उन सभी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के साथ अब एफआइआर भी दर्ज की जाएगी।
दरअसल, सीएम नीतीश हमेशा अपने अधिकारियों को निर्देश देते है कि राज्य में अपराध, भ्रष्टाचार व सांप्रदायिकता से कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए। ऐसे में बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने एक आदेश जारी किया हैं।
नितीश सरकार ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव ,प्रधान सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर कहा है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को दिसंबर के साथ ही फरवरी तक अपनी संपत्तियों और से संबंधित जानकारी सरकार को दे देनी है। अगर वे अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं करते है, तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के साथ अब एफआइआर भी दर्ज की जाएगी।
तो वहीं सरकार द्वारा तय मापदंड के अनुसार ही संपत्ति का ब्यौरा देना है और इसके बिना फरवरी का वेतन भुगतान नहीं करने का प्रावधान है। खुद या परिवार के किसी सदस्य के नाम से अचल संपत्ति (जमीन, मकान, फ्लैट, गाड़ी आदि) खरीदने के एक महीने के अंदर सरकार को इसकी जानकारी देनी है। सरकारी सेवक को अपने दो महीने के वेतन से अधिक की राशि के समान की खरद-फरोख्त की भी जानकारी भी उसे एक महीने के अंदर सरकार को देनी है।
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