joshimath landslide को लेकर सीएम धामी का बड़ा ऐलान, कहा – उत्तराखंड में हिल स्टेशंस की बियरिंग कैपिसिटी का होगा आंकलन
जोशीमठ : उत्तराखंड में जोशीमठ में हो रहे भू – धंसाव और पानी के रिसाव में जीवन जीने को लेकर जद्दोजहद कर रहे है। इस मुसीबत से बचाने को लेकर प्रशासन लगातार बचाव और राहत कार्य चला रही है। ऐसे में सीएम धामी ने जोशीमठ का दौरा करके स्थिति का जायजा भी लिया था। हालात का जायजा लेने के बाद सीएम धामी ने कहा की , ”अब सभी हिल स्टेशन की बियरिंग कैपासिटी का आंकलन कराया जाएगा और यदि कोई शहर अपनी बियरिंग कैपासिटी को पार कर गया है, तो वहां निर्माण कार्यों पर व्यवस्थित तरीके से रोक लगाई जाएगी”
वही वैज्ञानिकों ने इस मामले की जाँच करने के बाद बताया हैं की, बढ़ती आबादी, टूरिस्ट का दबाव और अनियंत्रित निर्माण से हिल स्टेशन नैनीताल, मसूरी समेत पहाड़ के कई और शहरों पर भी ये खतरा मंडरा सकता है। इसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने अब बियरिंग कैपासिटी के आंकलन के साथ ही सभी हिल स्टेशन का ड्रेनेज और सीवर प्लान तैयार करने के भी निर्देश जारी कर दिए हैं। रंजीत सिन्हा, सचिव, आपदा प्रबंधन इस बात की पुष्टि की है।
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जानिये किन स्थानों पर हैं भू – धंसाव का खतरा
इसके अलावा उत्तराखंड के अन्य और स्थान है जो इस समस्या का सामना क्र सकते है, उनमें उत्तरकाशी का भटवाड़ी, नैनीताल, पिथौरागढ़ का धारचूला, बागेश्वर का कुंवारी गांव, रूद्रप्रयाग, पौड़ी कई कस्बे भू-धंसाव और भू-स्खलन की जद में हैं और मुख्य तौर पर कारण अनियोजित निर्माण ही है।