CII NEWS: सशक्त डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से ही विकसित देशों की लिस्ट में शामिल हो सकेगा भारत
सीआईआई उत्तर में उत्तर प्रदेश में 'सिक्योरिंग डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर' विषय के साथ ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ पर एक सम्मेलन आयोजित
लखनऊ। औद्योगीकरण के आगमन के बाद से, देशों ने रेलवे, राजमार्ग और पुल, दूरसंचार जैसे भौतिक सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश किया है जो नागरिकों, निजी संस्थाओं और सरकार को जोड़ने के साधन के रूप में कार्य करता है।
21वीं सदी में, सरकार के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना में निवेश करे, जैसे डिजिटल पहचान, भुगतान और डेटा विनिमय जो अपने नागरिकों के साथ कुशल सरकारी संचार को बढ़ावा देने के लिए ‘डिजिटल रेलमार्ग’ के रूप में कार्य करता है। डीपीआई में डिजिटल पब्लिक गुड्स (डीपीजी) सहित कई मालिकाना और यह ओपन-सोर्स समाधानों का कार्यान्वयन शामिल हो सकता है।
इस पृष्ठभूमि को देखते हुए, सीआईआई उत्तर प्रदेश ने 16 फरवरी 2023 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में ‘सिक्योरिंग डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर’ विषय के साथ ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ पर एक सम्मेलन आयोजित किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कुमार विनीत, आईएएस, विशेष सचिव, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रबंध निदेशक, यूपीडेस्को ने उल्लेख किया कि साइबर सुरक्षा संगठनों और व्यक्तियों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है और हमें सतर्क और सुरक्षित रहने के लिए अपने स्तर पर सर्वोत्तम प्रयास करना चाहिए और इस बात से अवगत होना चाहिए कि अपराध होने पर क्या किया जाना चाहिए |
सत्र के दौरान बोलते हुए, यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएस) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि अधिकांश साइबर अपराधों में सिस्टम की विफलता नहीं बल्कि हमारी लापरवाही और अनभिज्ञता शामिल होती है|
जैस्मीन जैन, संयुक्त आयुक्त, वाणिज्यिक कर विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सम्बोधन में कहा कि राशन खरीद से लेकर कोविड टीकाकरण तक डिजिटल पहचान का उपयोग करके, की जा सकने वाली गतिविधियों की अधिकता से अवगत होना सीखना हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि, हम उस दुनिया में रह रहे हैं जहां डेटा सर्वोच्च संसाधन है और इसकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है |
बालू केंचप्पा, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले दो वर्षों में यूपीआई लेनदेन की संख्या 30 करोड़ से 90 करोड़ प्रति माह हो गई है और जैसे-जैसे डिजिटल अर्थव्यवस्था विकसित होगी, अधिक चुनौतियां सामने आएंगी जिनपे गहनता से चर्चा परिचर्चा हेतु इस तरह के सम्मेलन और बातचीत अति आवश्यक है ।
कपिल मुरलीधर शर्मा, मुख्य परिवर्तन अधिकारी, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचे के संबंध में युवाओं का कौशल विकास महत्वपूर्ण है | सशक्तिकरण, सामाजिक समानता, कौशल के परिप्रेक्ष में सरकार और सार्वजनिक नीति को डिजिटल परिवर्तन के साथ संरेखित करना होगा।
श्विनम्र अग्रवाल, अध्यक्ष, सीआईआई यूपी स्टेट काउंसिल और सीईओ, टेक्निकल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन लिमिटेड ने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत को विकसित राष्ट्रों की लीग में शामिल होने के लिए सभी आयामों में डिजिटल होना होगा।
डिजिटलीकरण के साथ साथ उससे सम्बंधित खतरों की आशंकाएँ भी बढ़ती है तथा इसके रोकथाम के लिये हमें जागरूकता और तकनीकी हस्तक्षेप ओर की भी ध्यान देना होगा। इस सत्र में 100 से अधिक उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, विषय विशेषज्ञों और शोध विद्वानों ने भाग ले सत्र को सफल बनाया ।