चिराग ने खुला पत्र जारी कर बीजेपी को दिखाया नीतीश का असली चेहरा
पटना: मंगलवार को चिराग पासवान ने लोजपा में मौजूद अपने कार्यकर्ताओं के नाम एक खुला पत्र जारी किया। इस पत्र में चिराग ने बीजेपी को नीतीश कुमार का असल चेहरा दिखाने की कोशिश की है। चिराग ने अपने पत्र के जरिए बताया है कि कैसे नीतीश कुमार ने बीजेपी और खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुहिम चलाई और फिर बाद में एनडीए में ही आकर मिल गए। नीतीश कुमार के भरोसे पर सवाल खड़ा करते हुए चिराग पासवान ने एक-एक बात का जिक्र अपने खुले पत्र में किया है।
चिराग ने जारी किए खुले पत्र में ये कहा
दरअसल मंगलवार को चिराग पासवान ने कार्यकर्ताओं के नाम खुला पत्र जारी किया। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि पार्टी ने छह प्रतिशत वोट हासिल किया। इतना वोट हमे तब मिला था जब 135 सीटों पर चुनाव लड़े थे। अगर सौ और सीटों पर चुनाव लड़े होते तो वोट प्रतिशत दस होता। इसके साथ ही उन्होंने जदयू पर हमेशा से पार्टी तोड़ने का आरोप लगाया।
इस संबंध में चिराग ने कहा कि “चुनाव अकेले लड़ने का फैसला ना सिर्फ राजनीतिक बल्कि सैद्धांतिक तौर पर भी जरूरी था। जब एक तरफ गठबंधन में मात्र 15 सीटें पार्टी को लड़ने के लिए दी जा रही थी, जो कहीं से भी तार्किक नहीं था। तो वहीं दूसरी तरफ समझौता हमें एक ऐसे राजनीतिक दल से करना था जिनकी नीतियों का विरोध सदैव हमारे नेता रामविलास पासवान जी ने किया था।
चिराग ने लिखा कि जनता दल यूनाइटेड ने हमेशा लोक जनशक्ति पार्टी को तोड़ने का काम किया। 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही साथ हमारे बिहार प्रदेश के अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया। 2005 नवंबर में हुए चुनाव में सभी हमारे जीते हुए विधायकों को तोड़ने का काम जनता दल यूनाइटेड द्वारा किया गया। उसके बाद 2020 में जीते हुए एक विधायक को भी तोड़ने का काम इनके द्वारा किया गया और आज लोक जनशक्ति पार्टी के 5 सांसदों को तोड़ जनता दल (यूनाइटेड) में बांटों और शासन करो की रणनीति को दोहराया है।
चिराग ने कहा- पारस ने अंधेरे में मेरी पीठ में खंजर घोपा
तो वहीं इसके साथ ही उन्होंने पारस पर भी आरोप लगाया कि रात के अंधेरे में उन्होंने मेरी पीठ में खंजर घोपा। चिराग पासवान ने कहा कि मुझे ताज्जुब होता है कि पार्टी से निष्कासित नेता एक ऐसे व्यक्ति के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं, जिन्होंने हमेशा हमारे नेता रामविलास पासवान जी और बिहार की जनता को धोखा देने का काम किया है। नीतीश कुमार यह बर्दाश्त नहीं कर सकते कि कोई दलित नेता राजनीति में आगे बढे। मेरी पार्टी और मेरे परिवार को तोड़कर मुझे खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन मैं रामविलास जी का बेटा हूँ, शेर काबीटा न कभी डरता है और न ही कभी घबराता है। परिवार के टूटने का दुःख मुझे जरूर है।
चिराग ने ये भी कहा कि वर्ष 2017 में जब जदयू एनडीए में शामिल हुआ तो पापा विचलित थे। पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तोड़ा है। उन्होंने कहा कि चाचा पशुपति कुमार पारस को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला राम विलास पासवान का था। वही उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।