
48 साल बाद दिखा चिपको मूवमेंट, जानने के लिए पढ़ें पूरी ख़बर
पेड़ों के काटे जाने के विरोध में उतरे लोग
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 48 साल बाद दिखा चिपको मूवमेंट। सड़क के विस्तारिकरण के लिए हरे-भरे हजारों पेड़ों को काटे जाने के विरोध में तमात संगठन चिपको आंदोलन पर उतर आए हैं।
यह भी पढ़ें:- https://theindiarise.com/it-is-murder-not-suicide-read-full-news/
बता दें राज्य सरकार और शासन की ओर से जोगीवाला से सहस्त्रधारा चौराहे तक रिंग रोड के विस्तारीकरण का काम शुरू नहीं हो पाया है, लेकिन उससे पहले ही पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाले तमाम सामाजिक संगठन पेड़ों के काटे जाने के विरोध में चिपको आंदोलन पर उतर आए हैं।
48 साल बाद दिखा चिपको मूवमेंट
इसी क्रम में आज रविवार को पर्यावरणविदों और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने एक और चिपको आंदोलन की शुरुआत की है। उन्होंने पेड़ों को मौली बांधकर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया है। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं सिटीजन फॉर ग्रीन दून, मैड अबाउट दून, डू नॉट ट्रैश, तितली ट्रस्ट, फ्रेंड ऑफ द दून जैसी संस्थाओं के पदाधिकारी, सदस्य खलंगा स्मारक पर इकट्ठा हुए और चिपको आंदोलन की शुरुआत की।
बता दें सिटीजन फॉर ग्रीन दून की कोर मेंबर जया सिंह का कहना है कि विकास जरूरी है, लेकिन पर्यावरण को तहस-नहस करके विकास नहीं किया जा सकता है। आंदोलन के तहत तमाम पर्यावरणविद और कार्यकर्ताओं ने इको फ्रेंडली पोस्टर बैनर के साथ प्रदर्शन किया और पेड़ों में मौली बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प लिया है।