तिब्बत में चीन की दमनकारी नीति जारी, जबरन बंद करवा रहा बौद्ध मठ
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने तिब्बत दौरे पर धार्मिक कार्यों को नियंत्रित करने वाले मौलिक दिशानिर्देशों को लागू करने पर जोर दिया था।
तिब्बत में चीन की दमनकारी शासन जारी है। वह अपने बल से तिब्बत में मनमानी कर रहा है। शी जिनपिंग सरकार ने चीन के गांसु प्रांत में एक बौद्ध मठ को बलपूर्वक बंद कर दिया है। इसे लेकर होंगचेंग मठ के बौद्ध भिक्षु बीजिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। टिप्पणीकार मा जू ने कहा है कि चीनी अधिकारी हान चीनी क्षेत्र में हरेक तिब्बती मंदिर और मठ को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं।
मठों में भिक्षुओं को जबरदस्ती देशभक्ति का पाठ पढ़ाया जा रहा है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। भिक्षुओं को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सख्त दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, गांसु प्रशासन ने भिक्षुओं को मठ से धक्के देकर बाहर निकाल दिया है। गांसु प्रशासन ने भिक्षुओं को मठ से बाहर निकालने के बाद लिंक्सिया हुई स्वायत्त प्रदेश में एक तिब्बती मठ को जबरन बंद कर दिया है।
बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने तिब्बत दौरे पर धार्मिक कार्यों को नियंत्रित करने वाले मौलिक दिशानिर्देशों को लागू करने पर जोर दिया था। चीन पर आरोप है कि वह बौद्ध बहुल तिब्बत क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता को दबा रहा है। 2013 में राष्ट्रपति बनने के बाद से ही शी जिनपिंग ने तिब्बत पर सुरक्षा नियंत्रण बढ़ाने की कड़ी नीति अपनाई है। चीन बौद्ध भिक्षुओं और दलाई लामा के अनुयायियों पर भी नकेल कसता रहा है।
प्रशासन ने मठ से संबंधित कई लोगों को हिरासत में भी ले लिया है। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें मठ के बौद्ध भिक्षुओं का एक समूह बैनर पकड़े नजर आ रहा है, जिसमें लिखा है कि भिक्षुओं को जबरन हिरासत में लेना करना अवैध और अस्वीकार्य है।
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