चीनी सीक्रेट एयरबेस का काम जोरों पर, तस्वीरों से हुआ खुलासा
सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स हार्वर्ड और स्मिथसोनियन के एक खगोलशास्त्री जोनाथन मैकडॉवेल ने कहा कि यह एयर स्ट्रिप अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने के लिए काफी बड़ी है।
भारत और चीन तनाव के बीच चीनी सीक्रेट एयरबेस के काम को तेजी से अंजाम दे रहा है। चीन शिनजियांग में एक सीक्रेट एयरबेस को तेजी से विकसित कर रहा है। चीन इस एयरबेस से सैन्य अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है। यह एयरबेस भारत के लेह एयरबेस से मात्र 1300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे चीन का एरिया-51 नाम दिया गया है।
खबरों के मुताबिक, इस एयरबेस से जुड़ी सारी जानकारी सीक्रेट है। कॉमर्शियल सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन इस एयरबेस को 2016 से ही तेजी से डेवलप कर रहा है। ये तस्वीरें हाल ही में ली गई हैं। अमेरिका की एनजीओ मीडिया ऑर्गनाइजेशन एनपीआर ने मैक्सार टेक्नोलॉजी ने ये जानकारी शेयर की है। इस बेस की हवाई पट्टी को 4.8 किलोमीटर लंबा किया गया है। इस एयरबेस पर बड़े जहाज और स्पेसशिप भी आसानी से लैंड हो सकता है।
सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स हार्वर्ड और स्मिथसोनियन के एक खगोलशास्त्री जोनाथन मैकडॉवेल ने कहा कि यह एयर स्ट्रिप अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने के लिए काफी बड़ी है। एयरस्ट्रिप के पास एक दर्जन से अधिक कंक्रीट की बिल्डिंग भी बनती दिखाई दी है। बता दें कि कि लोप नूर चीन का पुराना परमाणु परीक्षण स्थल है।
2020 में कई ऑब्जवर्स ने दावा किया था कि चीन ने एक हाइली क्लासिफाइड स्पेस प्लेन को इस एयरबेस पर उतारा था। हालांकि, कोई भी यह नहीं जानता कि चीन का स्पेस प्लेन कैसा दिखता है। कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ अंकित पांडा ने कहा कि उन्हें लगता है कि यह चीन की सैन्य अंतरिक्ष गतिविधियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण बेस है। इसे अब चीन तेजी से बढ़ाने में जुटा हुआ है।
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