
भारत के पैंतरे से बिफरा चीन, कहा- सही जगह देखकर करें बात
बैठक में अमेरिका और चीन दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर आपस में भिड़ गए थे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भारत की अध्यक्षता बीते सोमवार को हुई। इस मीटिंग में कई मुद्दों पर बातें हुईं, लेकिन सबसे खास मुद्दा दक्षिण चीन सागर था, जिसे लेकर अब चीन का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया है। चीन ने इस मुद्दे को लेकर भारत को कहा कि जगह देखकर बात करें। बुधवार को इस मीटिंग के बारे में चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा परिषद उपयुक्त स्थान नहीं है। सुरक्षा परिषद ने समुद्री सुरक्षा पर एक खुली परिचर्चा की और पूर्व की सहमति के आधार पर एक अध्यक्षीय बयान स्वीकार किया।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने सामान्य तौर पर जोर देकर कहा कि समुद्री सुरक्षा से संबंधित मुद्दों की अनदेखी नहीं की जा सकती। जलदस्युओं (पाइरेट्स) और अन्य समुद्री अपराधों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने का समर्थन किया। समानता, पारस्परिक हित, निष्पक्षता, न्याय, संयुक्त योगदान और साझा लाभों को दर्शाने वाले समुद्री सुरक्षा ढांचे के निर्माण के लिए कटिबद्ध है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूनएनएससी) की खुली चर्चा के बाद भारत के अध्यक्षीय वक्तव्य में चीन को कड़ा संदेश देने वाला बयान भी सभी सदस्यों ने स्वीकार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में समुद्री सुरक्षा पर हुई उच्चस्तरीय खुली परिचर्चा में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, केन्या के राष्ट्रपति उहरु केन्यात्ता और वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह तथा अन्य वर्चुअल रूप से शामिल हुए थे।
बैठक में अमेरिका और चीन दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर आपस में भिड़ गए थे। इसमें समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने को मान्यता देने वाले अध्यक्षीय बयान को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक चीन ने प्रस्ताव का समर्थन किया था।