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छत्तीसगढ़: राज्यपाल के खिलाफ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका
राज्य सरकार ने 18 जनवरी 2012 को आरक्षण 80 वर्ग के लिए 12, st के लिए 32 और ओबीसी के लिए 14 फीसद किया था।
छत्तीसगढ़: राज्य में आरक्षण पर मचे घमासान के बीच मुद्दा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। राज्यपाल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई जिसमें कहा गया है कि आरक्षण को राज्यपाल संविधान का उल्लंघन कर रही है उनकी भूमिका एक राजनीतिक पार्टी के सदस्य जैसी है। याचिका में कहा गया है कि निर्णय नहीं होने से प्रदेश में स्थिति स्पष्ट नहीं है काम ठप हो गए हैं याचिका में राज्यपाल को निर्देशित करने की मांग की गई है।
दरअसल अधिवक्ता हिमांशु दूजा की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 18 जनवरी 2012 को आरक्षण 80 वर्ग के लिए 12, st के लिए 32 और ओबीसी के लिए 14 फीसद किया था।
राज्यपाल ने अब तक नहीं किया हस्ताक्षर
विधानसभा से आरक्षण बिल पास होने के बाद हस्ताक्षर के लिए राज्यपाल के पास गया था उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया। राज्यपाल धमतरी जिले के राजा राव पत्थर गांव में आयोजित वीर मेला महोत्सव में शामिल हुए वहां बयान दिया कि उन्होंने केवल आदिवासी आरक्षण बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए कहा था पर उन्होंने सबका ही बढ़ा दिया।
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हाईकोर्ट में लगी याचिकाओं पर सुनवाई भी ठप
किसी भी तरह के संशोधन के साथ यज्ञ में संशोधन के पूर्व राज्यपाल को भेजे तो उन्हें तय समय में स्वीकृत देनी पड़ती है। राज्यपाल संविधान का उल्लंघन कर रही है जिस वजह से प्रदेश में आरक्षण की स्थिति का कोई पता नहीं है।