Chhattisgarh: DEO की कक्षा में MA पास सर जी फेल, ‘अंत्येष्टि’ तक नहीं लिख पाएं
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण महामारी के चलते करीब डेढ़ साल स्कूल बंद रहे। बच्चों का साल बर्बाद न हो, इसके लिए मोहल्ला क्लास लगाई गई। बिना परीक्षा लिए बच्चों को पास भी कर दिया गया, लेकिन इसके नतीजे दिखाई देने लगे हैं।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कवर्धा में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के निरीक्षण में बच्चों के साथ-साथ पढ़ाने वाले मास्टर जी भी फेल हो गए हैं। हिंदी में MA पास गुरुजी को ‘अंत्येष्टि’ लिखना नहीं आता है। वहीं, फोर्थ और 7वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे पहली कक्षा कि किताब नहीं पढ़ सके।
प्रदेश में 2 अगस्त से स्कूल खुल गए हैं। इससे पहले कवर्धा DEO राकेश पांडेय लोहारा ब्लॉक के ग्राम रक्शे स्थित प्राथमिक स्कूल पहुंच गए। कुछ दूरी पर ही मोहल्ला क्लास चल रही थी।
DEO वहां पहुंचे तो गुरुजी बातें करने में लगे थे और बच्चे खेल रहे थे। अफसरों को देखते ही हिंदी की किताब निकालने का फरमान जारी किया। DEO ने 7वीं के एक बच्चे को खड़ा किया। उसे चौथी क्लास की हिंदी की किताब दी, लेकिन पढ़ नहीं सका। फोर्थ क्लास की बच्ची, पहली कक्षा की किताब नहीं पढ़ सकी।
बच्ची की प्रशंसा की तो शिक्षक को फटकार लगाई
फिर उन्होंने एक बच्ची को खड़ा कर 5 का पहाड़ा सुनाने को कहा। उसने मना किया तो 2 का कहा, पर वह भी नहीं सुना सकी। फिर एक बच्ची से कविता सुनी तो उसकी प्रशंसा भी की।
इसके बाद DEO मास्टर जी की ओर मुखातिब हुए। पता चला कि उनकी क्वॉलिफिकेशन MA हिंदी है। इस पर कॉपी-पेन देकर उनसे अंत्येष्टि शब्द लिखने को कहा, पर मास्टर जी नहीं लिख सके। बच्चों और शिक्षकों की स्थिति देखकर DEO ने फटकार लगाई।
गायब शिक्षकों के वेतन काटने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान पता चला कि कई शिक्षक क्लास में पहुंचे ही नहीं थे। पूछा तो पता चला कि एक टीचर पेड लीव पर हैं, मगर अनुमति ही नहीं ली है। वहीं दूसरे टीचर दुर्ग से आते हैं, तो पहुंचे ही नहीं हैं। एक टीचर बिना बताए ही गायब थे। दो की तबीयत खराब थी, मगर एप्लीकेशन ही नहीं थी। इसके बाद DEO ने शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया।
फिलहाल पूरे प्रकरण का वीडियो अब वायरल है। DEO इसमें कह रहे हैं कि 2 अगस्त से स्कूल खुलने वाले हैं, बच्चों ने क्या सीखा है।