छत्तीसगढ़: विधानसभा में हंगामें के बीच 76 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पास
विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राज सरकार के मंत्रियों के समूह ने राज्यपाल अनुसुइया उनसे मुलाकात की।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन पक्ष विपक्ष की तीखी नोकझोंक के भीतर भीतर आरक्षण विधेयक पास हो गया। राज सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग को 32% अनुसूचित जाति को 13% और अन्य पिछड़ा जात को 27% और आर्थिक रुप से कमजोर ईडब्ल्यूएस वर्ग को 4% के साथ कुल 76% आरक्षण देने का प्रस्ताव पेश किया था जिस पर विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राज सरकार के मंत्रियों के समूह ने राज्यपाल अनुसुइया उनसे मुलाकात की।
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विधेयक में राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद आरक्षण तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा विपक्ष की ओर से एस सी वर्ग को 16% और ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण देने के संशोधन पेश किया गया जिसे स्वीकार नहीं किया गया।
बता दे कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आबादी के आधार पर आरक्षण तय किया है इसके लिए क्वालीफाई पर डाटा आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया गया हालांकि विपक्ष ने सदन के पटल पर कॉन्टिफाई बर्ड डाटा प्रयोग की रिपोर्ट नहीं रखने की आपत्ति दर्ज कराएं विपक्षी विधायकों ने कहा कि सदस्यों को डाटा आयोग की रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि प्रदेश में किस वर्ग की कितनी जनसंख्या है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा भाजपा के लोगों को आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करने का समय मिला लेकिन कमेटी की रिपोर्ट को कोर्ट में रखा नहीं गया।जिससे छत्तीसगढ़ लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जनगणना में एससी वर्ग की आबादी 16% आएगी तो उनके आरक्षण में संशोधन किया जाएगा या आरक्षण कॉन्टिफाई पर डाटा आयोग के हिसाब से दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से अपील की कि सभी केंद्र सरकार के पास जाकर आरक्षण संशोधन विधेयक की नवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए बात करेंगे ताकि प्रदेश के लोगों को इसका लाभ मिल सके।