
चारधाम यात्रा 2022 : निश्चित संख्या में ही भेजे जाएंगे श्रद्धालु, शासन ने जारी किए पर्यटकों के लिए ये निर्देश…..
देहरादून : उत्तराखंड में मई की तीन तारीख से शुरू होने जा रही चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को तय कर दिया गया है। इसको लेकर शासन ने बीते शनिवार को यह निर्देश जारी किए थे। इसके साथ ही यह व्यवस्था यात्राकाल के प्रथम 45 दिन के लिए होगी। बदरीनाथ धाम में सर्वाधिक 15000 और यमुनोत्री में सबसे कम 4000 लोग प्रतिदिन श्रद्धालु ही दर्शन कर पाएंगे । कोरोना महामारी की वजह से यह यात्रा दो वर्षों बाद आयोजित की जा रही है, चारधाम यात्रा में इस बार परिस्थितियां अनुकूल होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। अभी तक 2.86 लाख लोग चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं।
निश्चित दर में ही पहुंच सकेंगे श्रद्धालु
शासन ने भौगोलिक परिस्थितियों, धामों में श्रद्धालुओं की दर्शन क्षमता और मंदिर परिसरों की क्षमता को देखते हुए प्रतिदिन के लिए दर्शनार्थियों की संख्या निर्धारित की गई है। बीते दिवस मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के क्रम में सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरि चंद्र सेमवाल ने शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।
कहां कितने श्रद्धालु करेंगे दर्शन
धाम- संख्या
बदरीनाथ- 15000
केदारनाथ- 12000
गंगोत्री- 7000
यमुनोत्री- 4000
ऐसे करें पंजीकरण अनिवार्य
चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ पर आनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। इसके साथ ही आफलाइन पंजीकरण के लिए 15 केंद्र खोले जाने हैं। फिलहाल ऋषिकेश, हरिद्वार, सोनप्रयाग और पाखी में आफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।
मास्क लगाना अनिवार्य
चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में सभी यात्रियों को मास्क व सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर जारी कोविड प्रोटोकाल का अनिवार्य रूप से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
रात में छह घंटे बंद रहेगा आवागमन
यात्रा के दौरान राज्य में आने वाले तीर्थ यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा मार्गों पर रात्रि 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। शासन द्वारा जारी आदेश में भी यह प्रविधान किया गया है।