नैक मानकों के अनुरूप विश्वविद्यालय को बनाने के कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने दिए निर्देश
राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि विश्वविद्यालय जिन मानकों में पिछड़ रहे हैं उनके लिए और अधिक प्रयास करें। नैक मानकों के अनुरूप अपने विश्वविद्यालय के मूल्यांकन को शत-प्रतिशत बनाने का प्रयास करें।
लखनऊ : राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय में पिछड़ रहे मानकों के लिए और ज्यादा प्रयास करने को कहा है। अपने विश्वविद्यालय के मूल्यांकन को नैक मानकों के अनुरूप शत-प्रतिशत बनाने की कोशिश करें। राज्यपाल ने कई छोटे-छोटे बिंदुओं पर ध्यान खींचते हुए कहा, अपनी कोशिशों से विश्वविद्यालय स्तर में सुधार लाकर मूल्यांकन में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
सोमवार को राज्यपाल ने लखनऊ विश्वविद्यालय और पंडित मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर का प्रदर्शन देखा। विश्वविद्यालयों के स्तर का राज्य मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद की तरफ से मूल्यांकन 75% डेटा आधारित और 25% विजिट बेस्ड होता है। समग्र मूल्यांकन की इसके लिए सात श्रेणियां निर्धारित होती हैं।
अपने पिछले नैक मूल्यांकन में लखनऊ विश्वविद्यालय ने ठ श्रेणी पाई थी। विश्वविद्यालयों को राज्यपाल ने अपनी श्रेणी में सुधार करने के लिए प्रेरणा दी। केंद्र सरकार से विश्वविद्यालय की ‘नैक श्रेणी में सुधार होने पर योजनाओं के लिए ज्यादा फंड तथा छात्रों के लिए सुविधाओं को बढ़ाया जाता है। कुलाधिपति द्वारा विश्वविद्यालयों को अपनी गतिविधियों को ज्यादातर आनलाइन रखने, पुराने डेटा संग्रह को ठीक करने, विद्यार्थियों से बेहतर तालमेल रखने, नवाचार बढ़ाने के निर्देश दिए गए है।
विशेष कार्याधिकारी डा. पंकज जानी, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, प्रो. राजीव मनोहर, पंडित मदन मोहन मालवीय प्रौद्यागिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय, प्रो. ब्रजेश कुमार, प्रो. गोविंद पांडेय बैठक में उपस्थित रहें।
लखनऊ विश्वविद्यालय के ओएनजीसी सेंटर में चलाये गए चार इंस्टीट्यूट में 2021-22 से पीएचडी में दाखिले लिए जाएंगे। इंस्टीट्यूट आफ वाइल्ड लाइफ साइंसेज, इंस्टीट्यूट आफ फूड प्रोसेसिंग टेक्नोलाजी, इंस्टीट्यूट आफ मालीकुलर जेनेटिक तथा इंस्टीट्यूट आफ अपलाइड जियोलाजी इनमें शामिल है। पांच-पांच सीटों पर इन सभी में पीएचडी की शुरूआत की जायेगी।
बोर्ड आफ स्टडीज की हाल ही में हुई बैठक में पीएचडी कोर्स को मंजूरी दी गई। अब इसे जल्द ही इसके लिए गवर्निंग बोर्ड तथा एकेडमिक काउंसिल से अनुमति ली जायेगी।
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