
एथेनॉल उत्पादन तथा चीनी मिलों में निर्यात को प्रोत्साहन देगी केंद्र सरकार : रिपोर्ट
नई दिल्ली : एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने तथा चीनी मिलों में निर्यात प्रोत्साहन से किसानों को भारी राहत मिली है। सरकार ने आगामी पेराई सीजन के लिए ज्यादा चीनी निर्यात तथा एथेनॉल उत्पादन के लिए छूट दी है। गन्ना किसानों को आगामी दिनों में उनके बकाया भुगतान करने में सहूलियत भी होगी।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी के चलते चीनी का निर्यात कोटा करीब पूरा होने की तरफ है। तेजी से अतिरिक्त चीनी का निर्यात किया जा रहा है।केंद्र सरकार की कोशिश से गन्ना किसानों के साथ चीनी उद्योग को राहत मिली है।
निर्यात बढ़ने से 70 लाख टन चीनी का अब तक अंतर्राष्ट्रीय सौदा हो चुका है। सरकार ने चीनी मिलों के निवेदन पर चालू सीजन में 60 लाख टन चीनी निर्यात कोटे की घोषणा की थी। इससे ज्यादा चीनी का निर्यात 16 अगस्त तक हो चुका है। किसानों से 2020-21 के दौरान रिकार्ड 91,000 करोड़ रुपये की गन्ना खरीद की गई है।
देश के गन्ना किसानों की इससे हालत में काफी सुधार हुआ है। सरकार ने एक्स्ट्रा स्टाक वाली चीनी निर्यात करने को कई तरह की छूट भी दी है, जिससे किसानों को गन्ने का भुगतान करने में परेशानियां न हो।
चीनी निर्यात के लिए चालू सीजन 2020-21में 60 लाख टन के हिसाब से प्रति टन 6,000 रुपये चीनी निर्यात में सब्सिडी दी गई है। चीनी मूल्य में घरेलू बाजार में सुधार के लिए आने वाले पेराई सीजन 2021-22 के लिए बहुत सी मिलों ने निर्यात का सौदा भी कर लिया है। चीनी की मांग तथा आपूर्ति के इससे समन्वय बनाने में सहायता प्राप्त होगी। सरकार पेट्रोल में एथनाल मिश्रण को इस दौरान निरंतर प्रोत्साहन दे रही है।
क्रूड आयल आयात पर इससे निर्भरता घटेगी तथा विदेशी मुद्रा बचाने में सहायता मिलेगी। बीते दो सालों में 3.37 लाख टन तथा 9.26 लाख टन चीनी का इस्तेमाल एथेनॉल उत्पादन के लिए हुआ है। इसे बढ़ाकर चालू पेराई सीजन में 20 लाख टन किया गया है।
आने वाले पेराई सीजन 2021-22 में एथेनॉल उत्पादन के लिए 35 लाख टन चीनी रखने का निर्णय किया गया है। 2024-25 में इसे बढ़ाकर 60 लाख टन करने का लक्ष्य रखा गया है।