![सोया और सूरजमुखी तेलों](/wp-content/uploads/2021/08/sunflower-oil_625x300_1526444529365.jpeg)
सोया और सूरजमुखी के तेल पर आयात शुल्क 15% से घटाकर किया गया 7.5%
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने तेल के दामों में कमी लाने के लिए कच्चे सोया तेल तथा सूरजमुखी तेल पर आयात शुल्क 15% से कम करके साढ़े सात% कर दिया हैं। रिफाइंड सोया तेल तथा सूरजमुखी तेल पर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर तथा सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने मूल आयात शुल्क को भी 45% से कम करके 37.5% कर दिया है। जबकि यह कमी केवल छह हफ़्तों (30 सितंबर) तक के लिए की गई है।
सनविन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप बजोरिया ने बताया कि इतने कम समय के लिए शुल्क में कमी की गई है कि तेल आयात के लिए कॉन्ट्रैक्ट करना तथा सितंबर के खत्म होने से पहले देश में उसे लाना मुमकिन नहीं है। मुख्य रूप से अर्जेटीना, ब्राजील, यूक्रेन तथा रूस से भारत सोया व सूरजमुखी का तेल बिक्री करता है।
29 जून को सरकार ने कच्चे पाम तेल, रिफाइंड, ब्लीच्ड तथा सुगंधित पाम तेल, पामोलिन तथा दूसरे पाम तेलों पर 30 सितंबर तक आयात शुल्क घटा दिया था। कच्चा तेल तथा सोना के बाद भारत की तीसरी सबसे बड़ी आयातित वस्तुखाद्य तेल है।
हैंडलूम उत्पादन बढ़ाने को किया गया कमेटी का गठन
शुक्रवार को सरकार ने कहा कि तीन सालों में उसने हैंडलूम उत्पादन दोगुना तथा निर्यात को चौगुना करने के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन कर एक रोडमैप का सुझाव देने के लिए कहा है। 45 दिनों के अंदर फैशन डिजाइन काउंसिल आफ इंडिया (एफडीसीआइ) के अध्यक्ष सुनील सेठी की अध्यक्षता वाली कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेंगी।
कपड़ा मंत्रालय ने अपने एक बयान में बताया कि कमेटी उत्पादन को दोगुना करने तथा हैंडलूम उत्पादों की क्वालिटी में सुधार करने के लिए बनाए जाने वाले फ्रेमवर्क पर अपना सुझाव देगी। निफ्ट प्रोफेसर सुधा ढींगरा, फैशन डिजाइनर सुकेत धीर, एसकेए एडवाइजर्स के एमडी सुनील अलघ और साइंस, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजिकल अपलिफ्टमेंट फाउंडेशन के चेयरमैन हेतल आर. मेहता जैसे बड़े जानकार कमेटी के सदस्यों में बनाए गए हैं।
कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने अपने एक बयान में हाल ही कहा था कि, तीन सालों में हथकरघा उत्पादन को 60,000 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से दोगुना तथा इसके निर्यात में 2,500 करोड़ रुपये से वृद्धि lar 10,000 करोड़ रुपये किए जाने की आवश्यकता है।