Uttar Pradesh

सीबीएसई बोर्ड के छात्रों को किया जा सकता है प्रमोट, इस आधार पर होगी मार्किंग

कोरोना संक्रमण से चलते हालात और बच्चों की सुरक्षा के कारण इस बार सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए बच्चों की परीक्षा न कराए जाने का फैसला लिया था। साथ ही सभी बच्चों को बोर्ड द्वारा बनाए गए अंको के आधार पर पास किए जाने की व्यवस्था की गई है।

लखनऊ। कोरोना संक्रमण के दौरान निश्चित तौर पर हर विद्यार्थी के लिए बोर्ड के सभी को पास किए जाने का फरमान अच्छा है, पर जिसने भी ढंग से पढ़ाई नहीं की है उन्हें उनके रिजल्ट में नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। क्योंकि सीबीएसई रिजल्ट को लेकर किसी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं दिख रहा है।

दरअसल, कोरोना संक्रमण से चलते हालात और बच्चों की सुरक्षा के कारण इस बार सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए बच्चों की परीक्षा न कराए जाने का फैसला लिया था। साथ ही सभी बच्चों को संबंधित बोर्ड द्वारा बनाए गए अंको के आधार पर पास किए जाने की व्यवस्था की गई है। 12वीं बोर्ड का रिजल्ट प्रत्येक विद्यार्थी के लिए बेहद जरूरी भी है। ऐसे में सीबीएससी में मार्किंग को लेकर अलग रुख अपनाया गया है।

सीबीएसई क्षेत्रीय निदेशक श्वेता अरोड़ा ने बताया कि सीबीएसई 12वीं के विद्यार्थियों के अंको की मार्किंग के लिए विद्यार्थियों के 10वीं कक्षा के 30%, 11वीं कक्षा के 30% और 12वीं कक्षा के 40% अंक लिए जा रहे है।

इन अंको में सिर्फ थ्योरी के अंकों को ही लिया जाएगा। थ्योरी के अंकों के आधार पर ही विद्यार्थियों की मार्किंग होगी। श्वेता अरोड़ा ने बताया कि सीबीएसई के द्वारा तैयार किया गया पोर्टल इसी आधार पर बनाया गया है, जिसमें स्कूलों द्वारा पहले बच्चों के हाईस्कूल की फिर 11वीं की और फिर 12वीं के अंकों की फीडिंग की गई है।

स्कूलों को भी अपने इन्ही पिछले तीन सालों के बेस्ट रिजल्ट में से ही चुनाव करना है, किसी भी बच्चे को उससे अधिक अंक नहीं दिए जा सकते। इस बात को लेकर विद्यार्थी गलतफहमी में न रहे कि उनका 10वीं, 11वीं, 12वीं के कुल अंकों के आधार पर ही उनकी नंबरिंग की जायेगी। ऐसे में पढ़ाई के दौरान 10वीं 11वीं और 12वीं में लापरवाही बरतने और विद्यार्थियों के ढंग से तैयारी न करने पर उनकी कंपार्टमेंट तक भी आ सकती है।

श्वेता अरोड़ा का कहना है कि यह इसलिए भी किया गया है कि सभी बच्चों के साथ न्याय हो सके। इन सब के बावजूद भी यदि कोई बच्चा रिजल्ट से खुश नहीं है तो उसे परीक्षा देने का एक और मौका बोर्ड द्वारा मिलेगा, जिससे वह खुद को साबित कर सके।

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