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लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का बजट विधानसभा सदन में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पेश कर रहे हैं। योगी सरकार अबतक का सबसे बड़ा और पेपरलेस बजट पेश कर रही है। योगी सरकार इस बार छह लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया जा रहा है।
बजट पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के भाषण की बड़ी बातें-
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि, भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार के इस द्वितीय कार्यकाल के पहले वित्तीय वर्ष 2022-2023 का बजट इस सम्मानित सदन के समक्ष प्रस्तुत करते हुए मैं प्रदेश की जनता का अभिनन्दन करना चाहूँगा। जिसने हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में किये गये जन कल्याण और विकासोन्मुखी कार्य को देखते हुए जाति धर्म और समुदाय के समीकरण को नकारकर उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा को बनाये रखने के लिये भारतीय जनता पार्टी में विश्वास कायम रखते हुए हमें दोबारा सेवा का अवसर प्रदान किया है।
प्रदेश के इतिहास में ऐसा 37 वर्षों के बाद हुआ है जब किसी पार्टी को लगातार दो बार प्रदेश की जनता ने सरकार बनाने के लिये चुना हो।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, हमारी सरकार का वर्ष 2017-2018 से 2021-2022 का कार्यकाल हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के कुशल नेतृत्व में सफलताओं और प्रदेश के दीर्घकालिक व सतत् विकास की नीतियों के प्रतिपादन और निष्पादन का रहा है।
हमने प्रदेश में कानून का राज कायम किया माफियाओं, गुण्ठों और दंगाईयों के आतंक से जनसामान्य को राहत दिलाई प्रदेश में उद्योग धन्धों को बढ़ावा दिया गया, आधुनिक तकनीकों के प्रयोग को शासन – प्रशासन और सामान्यजन के मध्य बढ़ावा दिया गया, अवस्थापना सुविधाओं में अभूतपूर्व विस्तार किया गया, चिकित्सा सुविधाओं विशेषकर कोविड- 19 जैसी वैश्विक महामारी की चुनौती से निपटने और अन्य संक्रामक रोगों की रोकथाम और इलाज के क्षेत्र में विश्वस्तरीय कीर्तिमान स्थापित किये गये।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, पिछले दो वर्षों में पूरे विश्व और देश के साथ उत्तर प्रदेश में कोविड -19 जैसे वैश्विक महामारी का जिसके समक्ष विश्व की बड़ी शक्तियाँ कहे जाने वाले देश बेबस और लाचार नजर आये की विभीषिका को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कुशल मार्ग निर्देशन में बड़ी सूझबूझ और धैर्य के साथ सामना किया।
प्रशासन तंत्र और हमारे देशवासी व प्रदेशवासी इस चुनौतीपूर्ण समय में कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहे। ऐसी परिस्थितियों में ही नेतृत्व की परीक्षा होती है।
यह कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने अदभुद नेतृत्व प्रदान किया जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गयी।