बजट सत्र 2023: हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर और मानवीय दायित्वों को पूरा करने में समर्थ हो- मुर्मू
आजादी का अमृत का देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्य की पराकाष्ठा करके दिखाने और विकसित
नई दिल्ली: आज संसद के बजट सत्र की शुरुआत होने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना अभिभाषण दिया। सत्र के दौरान सरकार की नजर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वित्तीय वर्ष 2320 के आम बजट पर सुचारू रूप से चर्चा कराने पर है। अपने अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा की आजादी का अमृत का देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्य की पराकाष्ठा करके दिखाने और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का कालखंड है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज भारत का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का उसे देखने का नजरिया बदला है। देशवासियों ने पिछले 9 वर्षों में ऐसे अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखें। संयुक्त रूप से दोनों सदनों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि अमृत काल कहा यहां 25 वर्ष का कालखंड, स्वतंत्रता के समय शताब्दी का और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है।
उन्होंने कहा कि हमें दुनिया में ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर और माननीय दायित्वों को पूरा करने में समर्थ हो। उन्होंने कहा हमें 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है जो अपने अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता का हर स्वर्णिम अध्याय भी जुड़ा हो।