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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज दोनों पक्ष पेश करेंगे दलीलें, सर्वे रिपोर्ट के पेश होने की संभावना
आज अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा की भूमिका पर निर्णय लिया सकता है।
ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी(srangar gauri) और अन्य विग्रहों के सर्वे और अधिवक्ता आयुक्त को हटाने के मामले में मंगलवार को कोर्ट(court) दोनों पक्ष के वकीलों ने दलीलें पेश कीं। बहस में वादी पक्ष ने ज्ञानवापी(gyanvapi) परिसर के अंदर तहखाने तक सर्वे की मांग को दोहराया। वहीं बुधवार को यानि आज अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा(ajay mishra) की भूमिका पर निर्णय लिया सकता है।
संभव है कि, सुनवाई के दौरान अब तक हुए सर्वे की रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत की जाए। मंगलवार दोपहर बाद शुरू हुई न्यायालय की कार्यवाही में वादी पक्ष की आपत्ति पर प्रति आपत्ति में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा कि, वादी पक्ष के समस्त कथन और तर्क बेबुनियाद और विधि के खिलाफ हैं। आराजी नंबर 9130 का कमीशन कार्यवाही में जिक्र है। लेकिन क्षेत्रफल, मौजा, चौहद्दी का जिक्र नहीं है। वाद पत्र में आराजी के साथ 5 कोस जमीन और आदि विश्वेश्वर मूर्ति का वर्णन हैं। ऐसे में कमीशन की कार्यवाही कहां तक होगी। यह नहीं बताया गया है। इस आराजी के सीमा के आंकलन के बाद कमीशन की कार्यवाही की बात को नजरअंदाज किया गया।
प्रति आपत्ति में वादी पक्ष की ओर से शृंगार गौरी के साथ स्थित मंदिर से संबंधित साक्ष्य और सबूत मंगाए जाने के जिक्र का उल्लेख करके कहा गया, जिससे स्पष्ट है कि ज्ञानवापी मस्जिद का अस्तित्व अलग है। वहीं कोर्ट में बहस के दौरान वादी पक्ष ने कमीशन की कार्यवाही के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से बाधा उत्पन्न किए जाने की जानकारी अदालत में दी। उन्होंने मांग की कि, अधिवक्ता आयुक्त को मौका मुआयना करने दिया जाए। इसमें उन्होंने ज्ञानवापी परिसर में बैरिकेडिंग के अंदर और तहखाने में सर्वे की मांग दोहराई।