देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है और तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. ‘डेल्टा प्लस’ वेरिएंट के कई मामले सामने आने से चिंताएं बढ़ गई हैं. लेकिन कोरोना के खौफ के बीच एक राहत की खबर सामने आई है.
कोविड-19 की दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन सार्स-सीओवी-2 के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा वेरिएंट से लड़ने में कारगर हैं. इसकी जानकारी सरकार ने शुक्रवार दी. हालांकि, डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए टेस्ट चल रहे हैं.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन SARS-CoV-2 के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ काम करते हैं. डेल्टा प्लस वेरिएंट 12 देशों में मौजूद है. भारत के दस राज्यों में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 48 मामले आए हैं.
उन्होंने कहा, “डेल्टा प्लस वेरिएंट को भी आईसीएमआर-एनआईवी में आइसोलेटेड और कल्चरड किया गया है तथा डेल्टा प्लस पर टीके के प्रभाव की जांच के लिए लैब परीक्षण चालू हैं. हमें ये नतीजे सात से 10 दिन में मिल जाएंगें कि वैक्सीन डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ काम कर रही है.
कोरोना वायरस बीमारी के चार वेरिएंट- अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा- चिंता वाले वेरिएंट हैं. डेल्टा प्लस वेरिएंट, डेल्टा वेरिएंट से ही जुड़ा है, यह भी वेरिएंट ऑफ कंर्सन है.
बता दें कि भारत में कोविड की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है. अब भी 75 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की दर 10 फीसदी से अधिक तथा 92 जिलों में 5-10 फीसदी के बीच है.