असम में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच खूनी संघर्ष
असम के दारंग जिले में आज दिल दहला देने वाली घटना हुई। दरंग जिले में आज स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच भीषण झड़प हो गई। अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई। झड़प में दस लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। घायलों में ज्यादातर पुलिस हैं। दरंग जिला प्रशासन ने सिपाजार क्षेत्र में 600 हेक्टेयर से अधिक सरकारी जमीन खाली कर दी है, जिसमें 800 परिवार अवैध रूप से रह रहे थे। स्थानीय लोग जिला प्रशासन की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे।
दंगा गियर में पुलिस ने शुक्रवार को एक रैली में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को ट्रक से हटा दिया। भीड़ ने पुलिस टीम पर धारदार हथियारों और लाठियों से हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चला दीं। गोलीबारी में दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल पुलिस को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। असम की विपक्षी पार्टियां हिमंत विश्वशर्मा सरकार पर सवाल उठा रही हैं। हालांकि मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम सरकार पर तीखा हमला बोला है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राज्य इस समय सरकार प्रायोजित आग की चपेट में है। राहुल गांधी ने एक रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि कथित अतिक्रमण का विरोध कर रहे लोगों पर हमला किया गया और फिर पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं, जिसमें कुछ लोग मारे गए और कई घायल हो गए। इस संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, “असम में सरकार प्रायोजित आग भड़क रही है। मैं अपने राज्य में अपने भाइयों और बहनों के पीछे खड़ा हूं। भारत में कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है।” भाजपा भागते हुए देश को हिंसा और नफरत, हिंसा की आग में फेंक रही है। और नफरत इसके शब्द और कर्म हैं, और असम में इसका बहुत कम विरोध है।