लखनऊ में ब्लैक फंगस का कहर, केजीएमयू में चार मरीजों की गई जान
लखनऊ में ब्लैक फंगस का कहर बढ़ता जा रहा है। नए मामलों के साथ ही मौत की संख्या भी अब बढ़ती जा रही है। केजीएमयू में ही इसके 34 मरीज आ चुके हैं। इसमें से चार की मौत हो गई। संस्थान में अब तक छह मरीज की सर्जरी हो चुकी है। अच्छी खबर यह है कि इनमें से एक मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। इसको डिस्चार्ज कर दिया गया है।
ब्लैक फंगस अब भयानक रूप से फैलता जा रहा है। दो दिन पहले तक जहां पूरे लखनऊ में इसके 20 मरीज थे अब अकेले केजीएमयू में ही इसके 34 मरीज भर्ती किये जा चुके हैं। ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में सर्जरी ही सबसे ज्यादा कारगर है। अब तक संस्थान ने 6 मरीजों की सर्जरी की है लेकिन उसमें से चार मरीजों को बचाया नहीं जा सका।
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मरने वाले सभी मरीज अन्य जनपदों के थे। इनमें रायबरेली निवासी 40 वर्षीय महिला, हरदोई निवासी 37 वर्षीय पुरुष, अयोध्या निवासी 52 वर्षीय महिला और लखीमपुर निवासी 50 वर्षीय महिला शामिल हैं। इन सभी की हालत खराब थी। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह के अनुसार मरीजों को जब भर्ती किया गया तो फंगस बहुत ज्यादा फैल चुका था। इसलिए तत्काल उनका ऑपरेशन करके फंगस को निकालने का प्रयास किया गया। पर दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
ज्यादा हो सकता है मौत का आंकड़ा
लखनऊ में अभी तक लोहिया संस्थान, सिप्स और चंदन अस्पताल में ही ब्लैक फंगस से मौत के मामले सामने आए थे। कोरोना की तरह अभी तक ब्लैक फंगस से हुई मौत का केंद्रीकृत ब्यौरा जारी नहीं किया जाता है। इसकी वजह से इससे हुई मौत की निश्चित संख्या सार्वजनिक नहीं हो पा रही है लेकिन जिस तरह से इसके मामले आ रहे हैं इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मौत का आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है।
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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में अभी तक ब्लैक फंगस के 34 रोगी भर्ती हुए हैं। तीन रोगी मंगलवार को ही भर्ती हुए। 6 रोगियों की सर्जरी की जा चुकी है।दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि इनमें से 4 रोगियों की मृत्यु हो गईं एक रोगी का सफलतापूर्ण उपचार कर उन्हें डिस्चार्ज किया गया है।