विकास का ब्यौरा ले चुनाव मैदान में उतरेगी भाजपा, विभागों से मांगे आंकड़े
लखनऊ। यूपी में योगी सरकार के जब पांच साल पूरे होंगे, यूपी में तब तक चुनाव आचार संहिता लागू हो जायेगी। साढ़े चार वर्ष की उपलब्धियों के आंकड़े सरकार ने ऐसे में जुटाना शुरू कर चुकी है।
ऐसे में सरकार ने सभी विभागों से नौकरियों से लेकर सभी सरकारी योजनाओं के लाभार्थी व विकास कामों का ब्यौरा मांगा है। भाजपा चुनाव मैदान में उपलब्धियों की यही हिसाब किताब लेकर उतरेगी।
इसी माह योगी सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो रहे हैं। सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले कोई आयोजन कर रही हैं।
विपक्षी दल बेरोजगारी को विशेषकर अपना मुद्दा बना रहें हैं। विकास को लेकर भी विपक्षी दल सवाल खड़ा कर रहे हैं। सरकार ने तथ्य और तर्कों के साथ विपक्ष को उत्तर देने की तैयारी कर रहीं है।
यूपी सरकार के अंडर में सभी विभागों से अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा वर्ग को दी नौकरियों की जानकारी मांगी गई है। समूह क, ख, ग व घ वर्ग में मिलने वाली नौकरियों के बारे में विभागाध्यक्षों से पूछा गया है।
निर्धारित प्रारूप पर यह ब्योरा लिया जा रहा है। रिक्त पद और उनके आंकड़े भी मांगे गए हैं और इन्हें भरने के लिए क्या हो रहा है। योगी सरकार विभिन्न वर्गों के 4.15 लाख युवाओं को यूपी में नौकरियां दी चुकी हैं।
जल्द ही 25 हजार पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के आंकड़े सरकार जुटा रही है।
साढ़े चार सालों में किए गए विकास कार्यों का ब्यौरा लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, जल शक्ति विभाग, कृषि विभाग समेत सभी विभागों से मांगा गया है। एक बुकलेट भी इसके लिए तैयार कराई जाएगी।
अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक 19 सितंबर को सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो जाएंगे। उनकी उपलब्धियों का ब्यौरा सभी विभागों से मांगा गया है।
19 सितंबर से योगी सरकार के साढ़े चार साल पूरे हो रहे हैं। कोरोना के चलते चार वर्ष पूरे होने पर कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ था। खास कार्यक्रम की तैयारी चुनाव से पहले कर ली गई है।
राजधानी से लेकर जिलों तक में भी 19 से 25 सितंबर तक उपलब्धियों के कार्यक्रम होंगे। लखनऊ में 25 सितंबर को भव्य आयोजन होगा, इस कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं।