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पिछड़ों और अति पिछड़ों को जोड़ने में जुटी बीजेपी, विमुक्ति दिवस समारोह का हुआ आयोजन

लखनऊ: लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की सक्रियता भी बढ़ती जा रही है। साल के 365 दिन चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी, आज विमुक्ति दिवस समारोह आयोजित कर रही है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी पिछड़ों और अति पिछड़ों जोड़ने की कवायद में तेज़ी से जुटी हुई है।

152 जातियां विमुक्ति में शामिल

देश भर में सबसे अधिक विमुक्ति में शामिल यूपी में जातियां हैं जिसमें राजभर, लोध, केवट, मल्लाह, सोनकर, पारसी,वनवासी, वनटांगिया,  बिंद, निषाद, गोंड, दलित, पासी सोनकर,पढ़क, खुरपलटा, मोंगिया , कुजबंधिया, सिगीवाला, औघड़, बैरिया, वैद, भाट, चमरमगता, जोगी, कपड़िया, महावत, कुलन्दर फकीर, नट अथवा करनाटक, करबल, बावरिया, बासी, हबूडा, डोम, खटिक, बंजारा, बहेलिया, गोदावर, बरवार, भुर्जी, सेपरा, सिंगलीगार, बेलदार, मदारी, कंकाली, बृजवासी, जोगा, किंगिरिया, भतरी, कुरमंगिया, कनमैलिया, गोसाई, लोना चमार और घोशियान हैं समेत 152 विमुक्ति जाति में शामिल अन्य जातियां शामिल हैं।

कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर का बयान

उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने विमुक्ति दिवस समारोह मनाने को लेकर बताया कि 1871 में जिन जातियों को अंग्रेजों ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट बनाकर पाबंद किया वो सब इसमें आती हैं। देश की आज़ादी के बाद 1952 में सरदार पटेल ने पहल की और क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट से मुक्ति मिली, इसलिए इन्हें विमुक्ति कहा गया। इनकी बहुत बड़ी आबादी है। यह वह जातियां है जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेने का काम किया, देश की आजादी में जिन का बहुत बड़ा योगदान है। सीएम योगी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने एक बहुत बड़ा विषय उठाया है।

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