निःशुल्क बीज मिनीकिट वितरण में होगा बायोमैट्रिक का प्रयोग: सूर्य प्रताप शाही
कृषि मंत्री ने ली विभागीय समीक्षा बैठक, योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए की चर्चा
लखनऊ: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को संकर बीजों के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना, कृषि कुम्भ की तैयारी, उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम, ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन तथा ऑटोमेटिक रेन गेज स्थापित किए जाने, यूपी स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रियल कारपोरेशन लि. की वित्तीय स्थिति तथा खरीफ सीजन में उर्वरकों की उपलब्धता की समीक्षा बैठक की। सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में विभागीय अधिकारियों संग बैठक में कृषि मंत्री ने संकर बीजों की उपलब्धता तथा उनके वितरण में अपनाई जाने वाली पारदर्शितापूर्ण रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने कहा की बीज वितरण के लिए अधिसूचित की गई कंपनियों की सिक्योरिटी राशि को 10 लाख से घटाकर पांच लाख कर दी जाए। इसके साथ ही उन्हें सभी जिलों में कार्य करने की अनुमति भी दी जाएगी।
किसानों तक समय पर पहुंचे संकर बीजों की मिनीकिट
उन्होंने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पात्र किसानों को संकर बीजों के मिनीकिट समय पर अवश्य मिल सकें। इसके लिए बायोमेट्रिक मशीनों की स्थापना की जाए। साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाए कि प्रतिस्पर्धी कंपनियां साथ साथ अपने बीज स्टॉल लगाएं, जिससे किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज समय पर बिना किसी कठिनाई के मिल सकें। इसके विकल्प के रूप में किसानों को सब्सिडी वाले टोकन उपलब्ध कराकर बाजार से बीज खरीदने की छूट भी दी जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अवसर पर उत्तर प्रदेश में मनाए जाने वाले कृषि कुंभ की तैयारियों को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि इसकी तैयारी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार की जानी चाहिए।
प्रत्येक गांव के किसानों तक पहुंचे कृषि कुंभ का लाभ
उन्होंने कहा कि इससे उत्तर प्रदेश के किसानों को कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट उत्पादन करने वाले देशों से आए विशेषज्ञों के अनुभवों का लाभ मिल सके। उन्होंने शीघ्र ही एक व्यापक कार्यक्रम रूपरेखा तैयार करने के भी निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को इस बात के लिए भी निर्देशित किया कि इस कृषि कुंभ का लाभ प्रदेश के प्रत्येक गांव के किसानों तक अवश्य पहुंचे। उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के संबंध में उन्होंने कहा कि मोटे अनाजों के प्रति जन सामान्य को जागरूक किया जाए। इसके लिए 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूली बच्चों को मोटे अनाजों के संबंध में विशेष रूप से जानकारी दी जानी चाहिए। विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इसके लिए संबंधित कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण शिविर समय-समय पर आयोजित कराए जाएं। साथ ही देशभर के प्रसिद्ध सैफ तथा होटल व्यवसायियों को मोटे अनाजों से बने खाद्यान्नों को बढ़ावा देने के कार्य में निरंतर संलग्न किया जाए।
कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख भी रहे मौजूद
कृषि मंत्री ने ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन तथा ऑटोमेटिक रेन गेज स्थापित किये जाने के संबंध में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अपनाई जा रही नवीनतम एआई आधारित तकनीक का प्रयोग कर क्षेत्र पंचायत स्तर पर ऐसे केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर होने वाली मौसम गतिविधियों के आधार पर कृषकों को मोबाइल एप्लीकेशन तथा पंचायत सहायक के माध्यम से अद्यतन सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन मौसमी दशाओं के आधार पर किसान बेहतर कृषि प्रबंधन रणनीति अपना सकेंगे। आगामी खरीफ सीजन के लिए उर्वरक उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 40 प्रतिशत अधिक उर्वरक उपलब्ध हैं। गत वर्ष उपलब्ध 20.43 मीट्रिक टन उर्वरक की तुलना में इस वर्ष कुल 28.48 मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं। यह मात्रा प्रदेशभर की खपत के सापेक्ष पर्याप्त है। इसमें यूरिया 17.28 मीट्रिक टन, डीएपी 5.90 मीट्रिक टन, एनपीके 2.38 मीट्रिक टन, एमओपी 0.17 मीट्रिक टन तथा एसएसपी 2.75 मीट्रिक टन शामिल है। इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के पात्र किसानों को ईकेवाईसी कराने में विभागीय अधिकारियों को अधिक से अधिक संलग्न होकर कार्य करने की आवश्यकता है।