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Bihar News: न बैंड न बाजा न बाराती फिर भी हुई शादी:

Bihar News: बिहार में एक जोड़े ने बेहद ही अनोखी तरह से शादी रचाई है. आपने पहले कई बार शादियों को लेकर अनोखी खबरें पढ़ी होंगी लेकिन आज जो हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसा किस्सा आपने पहले कभी नहीं सुना होगा, जो इस समय चर्चा बनी हुई है। पटना की कुमकुम का विवाह पालीगंज के दरियापुर में रहने वाले रामजीवन राम के पुत्र रंजीत कुमार के साथ तय हुई। इस शादी के लिए पंडित जी को आमंत्रित नहीं किया गया। बल्कि दूल्हा और दुल्हन ने संविधान की शपथ लेकर शादी की रस्में पूरी कीं।

दरअसल, इस विवाह की खास बात ये रही कि इसमें दूल्हा-दुल्हन ने न तो अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और न ही कोई धूमधाम देखने को मिली। बल्कि संविधान को साक्षी मानकर दिव्यांग दूल्हा-दुल्हन ने बौद्ध परंपरा के अनुसार शादी रचाई।

संविधान की शपथ लेकर पूरी हुईं शादी
पूरा मामला बिहार राज्य की राजधानी पटना के पुनपुन प्रखंड स्थित केवड़ा पंचायत का है। वहां के मुखिया सतेन्द्र दास की भतीजी कुमकुम कुमारी की शादी बिल्कुल अलग अंदाज में संपन्न हुई। फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास ने संविधान की एक-एक कॉपी दूल्हा और दुल्हन के हाथों में दी और फिर शपथ दिलाते हुए शादी रस्में पूरी की गईं।

फुलवारी शरीफ विधायक ने दिलाई शपथ
इस शादी समारोह में फुलवारी शरीफ विधायक संविधान की शपथ दिलवा रहे हैं। दिव्यांग दुल्हन कुमकुम कुमारी और दिव्यांग रंजीत कुमार की शादी गौतम बुद्ध, बाबा साहेब अंबेडकर और सावित्री बाई फुले को भगवान और भारतीय संविधान को साक्षी मानकर बौद्ध परंपरा से सम्पन्न हुई। इस अवसर पर वर-वधू ने अपने परिवार वालों और अतिथियों के सामने एक दूसरे का विवाह सम्पन्न हुआ।

बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी भी हुए शामिल
इस मौके पर बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, फुलवारी शरीफ के विधायक गोपाल रविदास शामिल हुई। इनके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता राजकुमार और पूर्णपुर प्रखंड के मुखिया संघ के अध्यक्ष जय प्रकाश पासवान समेत अन्य लोग भी इस शादी के साक्षी बने।

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