बिहार सीएम पीएम मोदी से करेंगें मुलाकात, जाति-आधारित जनगणना पर होगी चर्चा
बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आज बिहार से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगा। ये प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी से जाति-आधारित जनगणना की मांग को लेकर मिलने वाला है। वहीं बिहार के वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने समर्थन किया है।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम का ने अपने बयान में कहा हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी टीम में ओबीसी के सदस्यों को रिकॉर्ड प्रतिनिधित्व देने और चिकित्सा पाठ्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटा की घोषणा सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुसरण करता है।
यूपी से पार्टी के लोकसभा सदस्य संघमित्रा मौर्य ने 127वें संशोधन विधेयक पर बोलते हुए राज्यों की अपनी ओबीसी कोटा सूची बनाने की शक्तियों को बहाल करते हुए जाति आधारित जनगणना का पुरजोर समर्थन किया था। वहीं सुशील मोदी ने ट्वीट किया है कि भाजपा कभी भी जातिगत जनगणना के खिलाफ नहीं रही। इसलिए हम इस मुद्दे पर विधानसभा और विधान परिषद में पारित प्रस्ताव का हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने सैकड़ों जातियों की संख्या शक्ति का आकलन करने पर सहमति व्यक्त की है। उस समय केंद्र सरकार के निर्देश पर जब ग्रामीण विकास और शहरी विकास मंत्रालयों द्वारा सामाजिक आर्थिक जाति सर्वेक्षण किया गया तो उसमें करोड़ों खमियां पाई गईं। जातियों की संख्या लाखों में पहुंची।
बता दें कि 10 अगस्त को बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य ने 127वें संशोधन बिल में हिस्सा लेते हुए जाति जनगणना की पैरवी की थी। पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाले सांसद और जिनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं, ने कहा था, ”पहले जानवर भी गिने जाते थे लेकिन पिछड़ी जाति नहीं। बीजेपी सरकार अब कर रही है। बिहार के कई नेताओं न जाति-आधारित जनगणना पर सहमति जताई है।
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