![ताज नगरी का जायका](/wp-content/uploads/2021/08/taj-mahal_021620033202.jpeg)
बड़ी खबर: ताजमहल को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल, जानिए वजह…
डॉ सिंह के द्वारा दायर की गई याचिका में है एक तत्व को समिति गठित करने के साथ-साथ मुगल सम्राट शाहजहां के
प्रयागराज: वाराणसी(varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बाद एक बार फिर ताज नगरी आगरा (agra)को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के समक्ष एक याचिका दाखिल की गई है। दाखिल की गई याचिका में है भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ताजमहल(tajmahal) परिसर के अंदर है 22 कमरों के दरवाजे खोलने का निर्देश देने की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि ताजमहल के इतिहास से संबंधित कथित विवाद को आराम दिया जाए इसके लिए याचिका को डॉ रजनीश सिंह ने दायर किया है। बता दें कि याचिका में डॉ रजनीश सिंह भारतीय जनता पार्टी अयोध्या इकाई के मीडिया प्रभारी होने का दावा किया है।
दरअसल डॉ सिंह के द्वारा दायर की गई याचिका में है एक तत्व को समिति गठित करने के साथ-साथ मुगल सम्राट शाहजहां के आदेश पर ताज महल के अंदर छिपी मूर्तियों और शिलालेखों जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्यों की तलाश करने का निर्देश करने की मांग की गई। वही अधिवक्ता विक्रम सिंह के माध्यम से दायर की गई याचिका में या तर्क दिया गया है कि हिंदू समूह दावा कर रहे हैं कि ताजमहल पुराना शिव मंदिर है जिसे तेजो महालय के नाम से जाना जाता था और कई इतिहासकारों के द्वारा भी समर्थित है। बता दें कि याचिका में दावा किया गया है कि हिंदू और मुसलमान आपस में लड़ रहे हैं और इसलिए विवाद को खत्म करने की जरूरत है।
मुनव्वर फारूकी ने जीता लॉक-अप फिनाले का खिताब
ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल का नाम शाहजहां की पत्नी मुमताज महल के नाम पर रखा गया था हालांकि शाहजहां की पत्नी का नाम मुमताज ओल्ड जमाने नहीं बल्कि मुमताज महल के रूप में वर्णित किया गया है।
उत्तराखंड: कल नामांकन पत्र दाखिल करेंगे सीएम पुष्कर सिंह धामी
वहीं याचिका में यह भी दावा किया गया है कि इतिहास की कई किताबों में या वर्णित है कि 1212 इसी में राजा पर मर दी देव ने तेजो महालय मंदिर का निर्माण किया था। बाद में मंदिर को जयपुर के तत्कालीन महाराजा राजा मानसिंह को विरासत में मिला था। लेकिन 1632 में शाहजहां के द्वारा कब्जा कर लिया गया था और बाद में इसे शाहजहां की पत्नी के लिए स्मारक में बदल दिया गया था।