![](/wp-content/uploads/2021/06/राजस्थान-मुख्यमंत्री-अशोक-गहलोत-1.jpg)
राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, अब सभी राज्य कर्मचारियों को देना होगा संपत्ति का ब्यौरा
अशोक गहलोत सरकार ने लिया बड़ा निर्णय। अब सभी राज्य कर्मचारियों के लिये संपत्ति का विवरण देना होगा अनिवार्य। कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अपनी सभी अचल संपत्तियों का ब्यौरा देना होगा।
जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने आज बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के अनुसार प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी कर्मचारियों के लिये अचल संपत्ति का विवरण देना अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश के कर्मचारियों को 31 अगस्त तक अनिवार्य रूप से अपनी-अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना होगा।
नए नियम के अनुसार जो भी कर्मचारी अपने अचल संपत्ति का विवरण देने में असफल होगा उसका कार्मिक का वार्षिक इंक्रीमेंट एवं प्रमोशन रोक दिया जाएगा। आपको बता दें कि कर्मचारियों को 1 जनवरी 2021 की स्थिति में अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होगा। सूत्रों के अनुसार, यह आदेश राज्य सरकार के सभी नियंत्रित बोर्ड, निगम, स्वायत्तशासी संस्थाओं और राजकीय उपक्रमों पर लागू होंगे।
राज्य के कार्मिक विभाग ने सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे अपने अधीनस्थ कार्मिकों को अचल संपत्ति का विवरण देने के लिए निर्देशित करें। रिपोर्ट के मुताबिक, कर्मचारियों को राजकाज सॉफ्टवेयर पर इसका संपूर्ण ब्यौरा देना होगा। राजपत्रित अधिकारियों की भांति अचल संपत्ति का वर्तमान मूल्य का आधार डीएलसी दर के अनुसार किया जाना है।
बता दें कि पिछली वसुंधरा सरकार में सिर्फ राजपत्रित अधिकारियों को ही अपनी अचल संपत्ति का विवरण देना होता था। लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद गहलोत सरकार ने सभी राजकीय कर्मचारियों को अचल संपत्ति का विवरण देने के दायरे में ला दिया।