बाइबल विवाद : बेंगलुरु आर्चबिशप पीटर मचाडो पर लगा गैर-ईसाई छात्रों पर बाइबिल थोपने का आरोप
बेंगलुरू के महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप पीटर मचाडो ने गुरुवार को कहा कि बेंगलुरू के क्लेरेंस हाई स्कूल में बाइबल पढ़ाने को लेकर हुए विवाद से वह थोड़ा आहत हैं। स्कूल पर गैर-ईसाई छात्रों पर बाइबिल थोपने का आरोप लगाया गया है।एक हिंदू समूह द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा गया था कि स्कूल ने माता-पिता से वचन लिया था कि वे अपने बच्चों के बाइबिल ले जाने पर आपत्ति नहीं करेंगे। शिकायत के आधार पर कर्नाटक सरकार ने जांच के आदेश दिए।
आर्कबिशप पीटर मचाडो अपने बचाव में कही ये बात
बेंगलुरु आर्कबिशप पीटर मचाडो ने कहा, “शिक्षा विभाग ने इस बारे में जांच के आदेश दिए हैं कि हमारे (ईसाई) स्कूलों में बाइबल का इस्तेमाल किया जाता है या धर्म पढ़ाया जाता है। मुझे बहुत दुख होता है। हम बहादुरी से कह सकते हैं कि हमारे स्कूल में किसी अन्य धर्म का छात्र ईसाई नहीं बना है।”उन्होंने कहा,”गैर-ईसाई छात्रों को बाइबिल पढ़ने की आवश्यकता नहीं है और उनके लिए कोई बाइबिल निर्देश नहीं है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भगवद गीता को अगले साल इसके नैतिक शिक्षा पाठ के रूप में पेश किया जाएगा, जबकि बाइबिल और कुरान को धार्मिक ग्रंथ माना जाता है, इसलिए उन्हें अनुमति नहीं दी जाएगी।”
जानिए क्या है मामला
गौरतलब है कि कथित तौर पर सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से बाइबल पाठों में भाग लेने के लिए कहने के बाद स्कूल को आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके बाद यह मुद्दा एक गंभीर विवाद में बदल गया और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी मामले का संज्ञान लिया।