बंगाल पंचायत चुनाव: वोटिंग के दिन 16 हत्याएं, शुभेंदु अधिकारी बोले- CBI-NIA करे जांच
BSF डीआईजी ने कहा- हमें सेंसिटिव बूथ की जानकारी नहीं दी गई
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव हुए, जिसमें जमकर हिंसा की गई। सात जनपदों में 16 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। इन 16 हत्याओं के साथ पंचायत चुनाव में अब तक जान गंवाने वालों की संख्या 35 हो गई है। आठ जून को चुनावों की घोषणा होने के बाद से सात जुलाई तक 19 लोगों की हत्या की गई थी।
आठ जुलाई यानी वोटिंग वाले दिन हुई 16 मौतों में से 13 हत्याएं मुर्शिदाबाद, मालदा, कूचबिहार और उत्तरी दिनाजपुर में हुई। सबसे अधिक पांच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं, जहां 200 लोग घायल भी हुए। वहीं, उत्तरी दिनाजपुर में चार, कूच बिहार में तीन और मालदा में एक की हत्या हुई। इसके अलावा नादिया, साउथ 24 परगना और पूर्वी बर्दवान में एक-एक व्यक्ति की हत्या हुई।
राज्य चुनाव आयोग ने सेंसिटिव बूथ की जानकारी नहीं दी: गुलेरिया
इस मामले में बीएसएफ डीआईजी एसएस गुलेरिया ने रविवार को बयान देते हुए कहा कि बार-बार जानकारी मांगने के बाद भी उन्हें राज्य के संवेदनशील बूथों की जानकारी नहीं दी गई थी। उन्हें अगर जानकारी मिलती तो वहां केंद्रीय बल तैनात किया जाता। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग ने सिर्फ सात जून को संवेदनशील (सेंसिटिव) बूथों की संख्या बताई। लेकिन, उनकी लोकेशन या कोई और अन्य जानकारी नहीं दी गई।
भाजपा विधायक ने कहा- CBI और NIA करे मामले की जांच
उधर, विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पंचायत चुनाव के मतदान के दौरान हुई हत्याओं के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि टीएमसी के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से इतनी हत्याएं हुईं हैं। इस मामले की जांच CBI और NIA को करनी चाहिए।