सात फेरे होने से पहले दूल्हा बोला- कुछ भी हो जाए इस लड़की से शादी नहीं करूंगा
उत्तरप्रदेश के इटावा जिले में द्वारचार की रस्म के बाद बरात से दूल्हा भाग गया। वधु पक्ष वाले जब तक कुछ जान पाते, तब तक बराती भी गायब हो गए। तब दूल्हे के पिता को वधु पक्ष ने थाने की राह दिखाई, लेकिन दूल्हे ने शादी से इन्कार कर दिया।
बाद में रिश्तेदारों ने किसी तरह समझौता कराया। मामला ऊसराहार थाना क्षेत्र के कुरखा गांव का है। यहां के एक परिवार ने अपनी लड़की की शादी सरलेस निवासी रौसेन थाना सौरिख जनपद कन्नौज के साथ तय की थी। लड़की के स्वजन ने 21 जून को ही लड़के के घर पहुंच कर दान दहेज के साथ लगुन चढ़ाई थी।
24 जून को तय समय के मुताबिक सरलेस कुरखा गांव में बरात लेकर पहुंचा। लड़की के स्वजन ने सभी बरातियों का स्वागत सत्कार किया। बैंड बाजे के साथ बरात लड़की के दरवाजे पर पहुंची। वरोठा की रस्म के बाद सभी बरातियों को खाना खिलाया गया। जयमाला की रस्म पहले से तय नहीं थी, इसलिए अगली रस्म में लड़के वालों की ओर से चढ़ावा चढ़ाने के बाद भांवरे पड़नी थी।
वधु पक्ष के अनुसार रात तीन बजे बरात में चढ़ावा लेने पहुंचा तो दो-चार बराती ही बचे थे। जब दूल्हे के पिता से चढ़ावा मांगा तो वह टाल-मटोल करने लगे। कुछ देर बाद बताया दूल्हे ने शादी करने से मना कर दिया है और वापस चला गया है।
लड़की के पिता ने जब शादी न करने की वजह पूछी तो बताया कि लड़की को शादी के लिए बदल दिया गया है। इस पर लड़की के पिता ने कहा जो लड़की देखी थी, वही लड़की है। चाहो तो घर चलकर देख लो। तब दो-तीन लड़के घर पर गए लेकिन वह भी संतुष्ट नहीं हुए।
वधु पक्ष के बहुत समझाने पर भी जब दूल्हे का पिता नहीं माना तो स्वजन उसे ऊसराहार थाने ले आए और दूल्हा व उसके पिता के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद थाने में ही दोनों पक्षों के लोग जुटे और शादी को निरस्त कर दिया गया। वधु पक्ष की ओर से किया गया खर्चा जुर्माने के साथ देने की बात के बाद समझौता कर दिया गया। थानाध्यक्ष अमरपाल सिंह ने बताया कि थाने आए दोनों पक्षों के रिश्तेदारों ने बैठकर आपस में समझौता कर लिया है।