भारी विरोध के बाद वीवो को धोना पड़ा आईपीएल से हाथ, नए स्पॉन्सर का जल्द होगा ऐलान
चौतरफा विरोध के बाद आखिरकार ची़नी कंपनी वीवो को इंडियन प्रीमियर लीग के टाइटल स्पॉन्सरशिप से हाथ धोना पड़ा। चीनी कम्पनी वीवो आईपीएल के 13वें सीज़न की स्पॉन्सर नहीं होगी। इस बारे में आधिकारिक बयान का इंतजार है,लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चिंता बढ़ गई है कि आखिर इस साल यूएई में होने वाली प्रतिष्ठित टी20 लीग को स्पॉन्सर कौन करेगा।
एक साल के लिए हटेगा वीवो
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बोर्ड के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि वीवो खुद ही एक साल के लिए स्पॉन्सरशिप छोड़ सकती है। भारत-चीन के बीच बिगड़ते डिप्लोमैटिक रिश्तों की वजह से कंपनी यह फैसला कर सकती है। यह एक साल की रोक की तरह हो सकता है। बीसीसीआई के सीनियर ऑफिसर ने कहा, ‘‘वीवो और बीसीसीआई अधिकारी (बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह) के बीच बातचीत हुई है। पूरी संभावना है कि वीवो एक साल के लिए टाइटल स्पॉन्सरशिप से हट जाए।’’अगर दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरते हैं तो बीसीसीआई वीवो से 2021 से 2023 के लिए तीन साल का नया कॉन्ट्रैक्ट कर सकता है।
BCCI ने किया था समीक्षा का वादा
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने आगामी एडिशन में भी चीनी मोबाइल कंपनी से स्पॉन्सरशिप करार बरकरार रखने का फैसला किया था। बीसीसीआई ने पहले करार की समीक्षा का वादा किया था लेकिन आईपीएल में भी इस कंपनी को बरकरार रखने का फैसला किया गया।
लोगों का सोशल मीडिया पर फूटा था गुस्सा
जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भिड़ंत के बाद से ही कई लोगों ने चीनी सामानों का बहिष्कार करने की बात कही थी लोगों ने चीनी कंपनी को स्पॉन्सरशिप बरकरार रहने के कारण सोशल मीडिया पर विरोध जताया था। इसके अलावा आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने जब स्पॉन्सर रिटेन करने की बात कही थी, तो भी सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर विरोध जताया था।
स्वदेशी जागरण मंच ने बताया था इसे सेना का अपमान
स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि टी-20 क्रिकेट मैचों का आयोजन करने वाली संस्था इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) द्वारा एक चीनी मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाने का फैसला चकित करने वाला है। अपने इस निर्णय से आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने चीन के जघन्य कृत्य से शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपना अपमान प्रकट किया है।
RSS ने भी जताया था विरोध
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी चीनी मोबाइल कंपनी के स्पॉन्सर बने रहने पर सोमवार को विरोध जताया। इसके एक दिन बाद ही वीवो के स्पॉन्सरशिप से हटने की खबर सामने आई। आरएसएस-संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने सोमवार को कहा था कि लोगों को टी-20 क्रिकेट लीग का बहिष्कार करने पर विचार करना चाहिए।
वित्तीय परिस्थितियों में नया स्पॉन्सर मुश्किल
आईपीएल की संचालन परिषद ने रविवार को सभी प्रायोजकों को बरकरार रखने का फैसला किया था। आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने ‘वर्चुअल’ बैठक में फैसला किया कि टूर्नमेंट 19 सितंबर से 10 नवंबर तक खेला जाएगा। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा था, ‘मौजूदा वित्तीय कठिन परिस्थितियों को देखते हुए इतने कम समय में बोर्ड के लिए नया प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होगा।’
2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे अधिकार
वीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे। इससे लीग को हर सीजन में उसे करीब 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। इस चीनी मोबाइल कंपनी ने सॉफ्ट ड्रिंक वाली दिग्गज कंपनी पेप्सिको को हटाया था, जिसकी 2016 में 396 करोड़ रुपये की डील थी।
19 सितंबर से शुरू होना है IPL
आईपीएल का 13वां एडिशन यूएई में अगले महीने 19 सितंबर से शुरू होगा। इसका फाइनल मैच 10 नवंबर को खेला जाएगा। पहले यह लीग मार्च में भारत में ही खेली जानी थी, लेकिन घातक कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इसे तब स्थगित कर दिया गया था।