Bareilly News: SRMS में पहली नेफ्रोकॉन कांफ्रेंस का उद्घाटन, किडनी संबंधी बीमारियों पर हुआ विचार-विमर्श
विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने किया उद्घाटन, पेपर प्रेजेंटेशन के साथ विशेषज्ञों ने दिया व्याख्यान
बरेली: रुहेलखंड रीजन की दो दिवसीय पहली नेफ्रोकान कांफ्रेंस एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में शनिवार को आरंभ हुई। पहले दिन 12 से अधिक गुर्दा रोग विशेषज्ञों ने इससे संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यान दिए। कांफ्रेंस का उद्घाटन बिथरी चैनपुर के विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा और एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति ने किया।
अनियमित दिनचर्या है गुर्दा रोगों के बढ़ने की वजह: देवमूर्ति
मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ हुए नेफ्रोकान 2023 में देवमूर्ति ने अनियमित दिनचर्या को गुर्दा रोगों के बढ़ने की बड़ी वजह बताया। उन्होंने कहा कि महामारी बनने को तैयार किडनी की बीमारियों के उपचार के लिए अभी से तैयारी करनी पड़ेगी और अभी से तैयार होना पड़ेगा। इसके उपचार के लिए अधिक से अधिक चिकित्सक भी तैयार करने पड़ेंगे और अत्याधुनिक विधियों को भी अपनाना पड़ेगा। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज इन दोनों कामों कर रहा है। यहां किडनी की विभिन्न बीमारियों का इलाज करने के साथ ही गुर्दा प्रत्यारोपण भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। आने वाले वर्षों में एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में नेफ्रोलॉजी में डीएनबी कोर्स भी आरंभ होने का विश्वास है।
उन्होंने कहा कि ऐसी कांफ्रेंस से विद्यार्थियों के साथ ही चिकित्सकों को भी अपनी फील्ड से संबंधित हो रही रिसर्च की जानकारी मिलती है, जो मरीज के उपचार में काम आती है। एसआरएमएस में प्रति वर्ष एक दर्जन से अधिक कांफ्रेंस आयोजित होती हैं। आज पहली कांफ्रेंस कर नेफ्रोलॉजी विभाग भी दूसरे विभागों की तरह इस परंपरा को आगे बढ़ा रहा है।
सफलता के लिए परिश्रम और अनुशासन जरूरी: डॉ. राघवेंद्र शर्मा
वहीं, विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने कांफ्रेंस को अच्छी पहल बताया और पहली कांफ्रेंस आयोजन के लिए नेफ्रोलॉजी विभाग के साथ सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज से अपना चिकित्सकीय करियर आरंभ करने का मौका मिला। इसी वजह से यहां से खास लगाव है। यहां काम करने के दौरान काफी कुछ सीखने को मिला। यही मौका आज यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास भी है। ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति जी के संकल्प, परिश्रम और अनुशासन से सभी को सीख लेना चाहिए। क्योंकि बिना संकल्प, परिश्रम और अनुशासन के कुछ भी नहीं मिलता। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, इसलिए संकल्प के साथ परिश्रम और अनुशासन की आदत डालनी पड़ती है।
इससे पहले कार्यक्रम की आर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. स्मिता गुप्ता ने अतिथियों, कांफ्रेंस में आए चिकित्सकों और विद्यार्थियों का स्वागत किया और कांफ्रेंस को बड़ी उपलब्धि बताया। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसबी गुप्ता ने कॉलेज की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि किडनी संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इसे बढ़ने से रोकने और उपचार के लिए जागरूकता जरूरी है। कांफ्रेंस में मिली जानकारियों से इसमें मदद मिलेगी। कांफ्रेंस के आर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. विद्यानंद ने सभी का आभार जताया।
इन विशेषज्ञों ने दिए व्याख्यान
उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. मुग्धा अवस्थी और डॉ. नकुल गुप्ता ने किया। साइंटिफिक सत्र में गुरुग्राम के अर्तेमिस हास्पिटल की डॉ. मंजू अग्रवाल, वैशाली स्थित मैक्स हास्पिटल के डॉ. मनोज सिंघल, एसजीआरएच नई दिल्ली के डॉ. अनुराग गुप्ता, ओपल हॉस्पिटल वाराणसी के डॉ. पीके राय, नई दिल्ली के डॉ. अजय खेर, होली फैमिली हॉस्पिटल नई दिल्ली के डॉ. अनिल भट्ट, सफदरजंग हॉस्पिटल नई दिल्ली के डॉ. सौरभ शर्मा, टीएमयू मुरादाबाद के डॉ. पी प्रभाकरन, मेदांता हॉस्पिटल लखनऊ के डॉ. आरके शर्मा ने गुर्दा संबंधी दिक्कतों के संबंधित विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, कांफ्रेंस के आर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. संजय कुमार, कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल डॉ. एनके अरोड़ा, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आरपी सिंह, एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डॉ. एमएस बुटोला, डीन पीजी डॉ. रोहित शर्मा, डीन यूजी डॉ. नीलिमा मेहरोत्रा, डिप्टी एमएस डॉ. सीएम चतुर्वेदी, चीफ प्रॉक्टर डॉ. राजीव टंडन, डीएसडब्ल्यू डॉ. क्रांति कुमार, बरेली के चिकित्सक डॉ. राजीव गोयल, डॉ. विमल कुमार भारद्वाज, डॉ. सुदीप सरन, डॉ. सोमेश मेहरोत्रा, डॉ. सीमा सेठ, डॉ. विजय गुप्ता, डॉ. संजय वाजपेयी, डॉ. मनीष महाजन, डॉ. विपुल कुमार, डॉ. एसजेड खान, डॉ. मालिनी कुलश्रेष्ठ, डॉ. शाहबाज अहमद, डॉ. हारुन इकबाल, डॉ. इरफान अहमद, सभी विभागाध्यक्ष, फैकेल्टी और विद्यार्थी मौजूद रहे।