
अयोध्या में चौरासी कोस परिक्रमा पथ बनाया जाएगा फोरलेन
अयोध्या का 84 कोसी परिक्रमा पथ की फोरलेन बनया जाएगा। मार्ग को इससे पहले टू लेन का बनाने का फैसला लिया गया था, लेकिन इसे संशोधित करके फोरलेन का बनाने का निर्णय लिया गया है।
अयोध्या। अयोध्या का 84 कोसी परिक्रमा पथ की फोरलेन बनया जाएगा। मार्ग को इससे पहले टू लेन का बनाने का फैसला लिया गया था, लेकिन इसे संशोधित करके फोरलेन का बनाने का निर्णय लिया गया है।
एनएच 227 बी नाम से इस मार्ग का नामकरण किया गया है। एनएच मार्ग के दोनों तरफ इंटरलाॅकिंग, एक तरफ परिक्रमा करने वालों के लिए पैदल पथ और दूसरी तरफ सर्विस रोड बनाई जाएगी। मार्ग के दोनों तरफ रामायण काल के पौधो को लगाया जाएगा। मूर्तिहनघाट और शेरवाघाट पर सरयू नदी पर पुल का बनाया जायेगा। सांसद लल्लू सिंह ने यह जानकारी दी।
रामनगरी के साथ ही परिक्रमा मार्ग में गोंडा, अंबेडकरनगर और अयोध्या-बाराबंकी जिले की सीमा का कुछ भाग आता है। साधु-संत और श्रद्धालु हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा से 84 कोस की परिक्रमा करते हैं।
गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि और उनके गुरु नरहरिदास की कुटी, अष्टावक्र मुनि, जमदग्नि आश्रम, श्रृंगीऋषि आश्रम, आस्तीक ऋषि आश्रम, कपिलमुनि आश्रम, च्यवन मुनि आश्रम सहित 151 धार्मिक और पौराणिक स्थल 84 कोस की परिधि में पड़ते हैं।
मंगलवार को परिक्रमा मार्ग के बनने को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, सांसद लल्लू सिंह और बस्ती सांसद हरीश द्विवेदी के साथ बैठक की थी।
सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि मार्ग पर परिक्रमा करने वालों के लिए विश्राम स्थलों को बनाया जाएगा। सात अगस्त को मार्ग के निर्माण को लेकर अयोध्या में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ बैठक होगी।
उन्होंने कहा कि यह पथ धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। सांसद ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार संकल्पित भाव से अयोध्या का विकास करने में जुटे हैं। यह पथ बनने से पर्यटन में बढ़ोतरी के साथ रोजगार के द्वार भी खुलेंगे। लोगों को परिवहन की भी बेहतर सुविधा मिलेगी।