Uttar Pradesh

विधानसभा चुनाव 2022 : चुनाव के चलते योगी सरकार बिल माफकर किसानों को रिझाने की कर रही कोशिश

किसान और मोदी सरकार के बीच तनातनी से हर कोई वाकिफ हैं फिर चाहे वो कोई पार्टी हो या आम जनता। इसी बीच विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर यूपी की योगी सरकार ने इन किसानों को रिझाने के लिए एक कुछ कदम उठाए हैं । जिन निर्णयों के चलते किसानों को फायदा देने की सरकार की पूरी कोशिश है।

इन नियमों के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को पराली जलाने के लिए किसानों के खिलाफ दर्ज पुराने सारे मामलों को वापस लेने और लगाए गए जुर्माने को माफ करने की घोषणा कर दी है जिससे किसानों को रिझाया जा सके। साथ ही इस मुद्दे पर किसानों के साथ बातचीत के दौरान, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नए गन्ना पेराई सत्र से पहले 2010 से सभी पेंडिंग भुगतान करने का वादा किया।

इस पर मुख्यमंत्री का कहना है कि “सरकार पराली जलाने के मामले में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेगी और जुर्माने की वापसी पर फैसला लिया जाएगा।”साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि”हम ये सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि समय पर भुगतान किया जाए और साथ ही गन्ने की कीमत भी बढ़ाई जाए। निर्णय से सभी संबंधित हितधारकों को अवगत कराया जाएगा ताकि किसान गुमराह न हों।”

आपको बता दें कि यूपी सरकार के मुताबिक, आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पेंडिंग बिलों के कारण यूपी के किसी भी किसान का बिजली कनेक्शन न काटा जाए। उन्होंने किसानों को ये भी आश्वासन दिया कि किसानों के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम भी शुरू की जाएगी ताकि उन्हें किसी भी हाल में इन पुराने बिजली बिलों पर ब्याज या जुर्माना न देना पड़े।

साथ ही कोरोना को लेकर भी सीएम योगी ने किसानों से बातचीत की और कहा कि,”कोरोना महामारी ने आज पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, लेकिन किसानों ने बहादुरी से इसका सामना किया है। चीनी मिलें कोरोना काल में भी काम करती रहीं और किसान खाद्यान्न का उत्पादन करते रहे।”

साथ ही इस मौके पर भी योगी विपक्ष को याद करना नहीं भूले उन्होंने पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के “चीनी के कटोरे” में ही चीनी मिलें बंद हो गईं, जिससे किसान निराश हो गए। उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य और केंद्र सरकारो ने किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ उनके उत्थान के लिए मिलकर काम किया है।

उन्होंने कृषि के क्षेत्र में सरकार की सफलता को गिनाते हुए बहुत से दावे पेश किए। जिसमें उन्होंने सरकार द्वारा पिपराइच-मुंडेरवा में शुरू की गई नई चीनी मिलों और बंद पड़ी रमाला चीनी मिल की कैपेसिटी बढ़ाना का भी जिक्र किया। उन्होंने घोषणा की कि पश्चिमी रीजन में चीनी मिलें 20 अक्टूबर से और सेंट्रल रीजन में 25 अक्टूबर से शुरू होंगी।

उन्होंने कहा कि, “2016-17 में जहां केवल 6 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी, वहीं इस साल Covid-19 के बावजूद रिकॉर्ड 56 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी। हमने पिछले सीजन में 66 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था, जबकि 2016 में 16 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था।” उन्होंन ये भी कहा कि ये सभी खरीद सीधे किसानों से की गई थी।

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