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विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव : पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है सपा
विधानसभा उपाध्यक्ष विपक्ष का ही रहा
लखनऊ : 18 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष को होने वाले चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दो-दो हाथ करने के मूड में है। चुनाव के समय भाजपा को किसी भी तरीके से समाजवादी पार्टी वार्ड नंबर नहीं देना चाहती है। बता दें कि समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग का उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार के नाम की घोषणा 16 अक्टूबर को होने वाली बैठक में अखिलेश यादव करेंगे।
गौरतलब है कि हमेशा से ही विधानसभा उपाध्यक्ष विपक्ष का ही रहा है। खास बात यह है कि पिछले साढे 4 साल से उपाध्यक्ष का पद खाली रहा है लेकिन अब चुनाव नजदीक आने पर भारतीय जनता पार्टी और सर को बुलाना चाहती है। सदन का कार्यकाल समाप्त होने से पहले पार्टी ने उपाध्यक्ष चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। सपा और भाजपा के बीच चल रही सियासी जंग के चलते हैं समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने नितिन अग्रवाल पर दांव लगाया है। नितिन अग्रवाल विधायक बनने के बाद पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
बता दें कि 18 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी भाजपा का विरोध करने की तैयारी में। समाजवादी पार्टी वैसे उम्मीदवार के सामने पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार को मैदान में उतारना चाहती हैं। इसके लिए सीतापुर से विधायक नरेंद्र वर्मा सहित कई नामों पर विचार चल रहा है।