
नाभि में हल्दी का लेप लगाने से मिलेगा इन बीमारियों से निजात, जानिए कैसे करना है प्रयोग
हल्दी अपने अनेकों गुणों के लिए जानी जाती है। बहुत सी बीमारियों के आयुर्वेदिक इलाज में हल्दी के लेप का प्रयोग किया जाता है। दरअसल हल्दी में कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम, पोटैशियम और आयरन के साथ – साथ एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है। ये गुण हमारे पेट मे होने वाली पाचन सम्बन्धी दिक्कतों और त्वचा सम्बन्धी दिक़्क़तों को दूर करने का काम करते है। आइए जानते है हल्दी का लेप आपको किस तरह से लाभ पहुंचा सकता है और इसका प्रयोग आपको कैसे करना है।
नाभि हल्दी लगाने से इन बीमारियों से मिलेगा फायदा
1. सूजन या घाव से राहत
यदि आपको कब्ज की दिक्कतों के चलते से पेट में सूजन और दर्द होता है तो हल्दी आपके लिए अचुक उपाय से कम नहीं है। आप अपनी नाभि पर हल्दी में नारियल तेल मिलाकर लगाए । नाभि में घाव होने पर भी आप हल्दी का लेप लगा सकते हैं।
2. इंफेक्शन से बचाती है
हल्दी में सरसों का तेल मिलाकर नाभि पर लगाने से कई प्रकार के वायरल इंफेक्शन से हम बच सकते है और ऐसा करने से सर्दी – खांसी में भी आराम मिलता है।
3. पाचन तंत्र दिक़्क़तों को करता है दूर
हल्दी में फाइबर की मात्रा भी पाई जाती है, जो भोजन पचाने के लिए एक जरूरी तत्व है. इसलिए पेट दर्द या अपच की स्थिति में आप नाभि पर हल्दी रखकर आराम कर सकते हैं.
4. इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाता है
नाभि में हल्दी लगाकर सोने से आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है। इसके साथ ही यह उपाय वजन कम करने में मदद करता है।
5. पीरियड्स के दर्द से दिलाता है निजात
कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द और पेट में ऐंठन की शिकायत होती है. ऐसे में आप अगर नाभि में हल्दी का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और परेशानी में लाभ मिलेगा.
कैसे करें इस्तेमाल ?
नाभि में हल्दी हमेशा ऐसे समय लगाएं जब आप कम-से-कम 1-2 घंटे आराम करने जा रहे हों ताकि नाभि के द्वारा आपका शरीर हल्दी के गुणों का अवशोषण कर सके.
रात में सोते समय नाभि में हल्दी लगाकर आराम करें, ताकि अगर आप दिन में भी 1-2 घंटे आराम करते हैं तो दिन में नाभि में हल्दी लगाकर सो सकते हैं.
नाभि में हल्दी सरसों या नारियल तेल के साथ लगाएं, क्योंकि तेल में मिलाकर लगाने पर हल्दी के गुण त्वचा पर जल्दी काम करेंगे.
पेट में दर्द की शिकायत होने पर नाभि में हल्दी लगाने के बाद हल्के हाथों से पेट की मालिश भी कर सकते हैं.