कारोबार

आनंद समूह और मैंडो कॉर्प ने मिलाया हाथ, साथ में बढ़ाएंगें इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग

इस केंद्र के लिए तीन साल की अवधि में 50 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी निवेश की योजना है।

देश में इलेक्ट्रिक वाहन के लिए लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है। इस वजह से इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग बढ़ाने के लिए आनंद समूह ने अपना एक कदम आगे बढ़ाया है। आनंद समूह के लिए आज का दिन काफी खास रहा। इस समूह ने दक्षिण कोरियाई कंपनी मैंडो कॉर्पोरेशन के साथ हाथ मिलाया है।

मंगलवार को इस बात का ऐलान किया। आनंद ग्रुप ने कहा कि देश में बढ़ती इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को देखते हुए उसने दक्षिण कोरियाई कंपनी मैंडो कॉर्पोरेशन के साथ हाथ मिलाया है। दोनों कंपनियों ने देश में अपना दूसरा संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए अपने तालमेल, क्षमता और अनुभव को साझा करने का निर्णय किया है। आनंद मैंडो ई मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड दो और तिपहिया वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों (ई वी) के कलपुर्जो का निर्माण और विपणन करेगी।

समूह की कार्यकारी अध्यक्ष अंजलि सिंह ने इस बारे में कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह साझेदारी लंबे समय की रहेगी, जिससे भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए सफलतापूर्वक कुशल उत्पाद और प्रणाली तैयार की जा सके। इस संयुक्त विनिर्माण केंद्र को राजस्थान में लगाया जा सकता है जिससे 350 से 450 लोगों के लिए रोजगार पैदा होगा। इस केंद्र के लिए तीन साल की अवधि में 50 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी निवेश की योजना है।

दोनों कंपनियों के समझौते के अनुसार इस संयुक्त उद्यम में आनंद समूह 40 प्रतिशत और मैंडो 60 प्रतिशत हिस्सेदारी रखेगी। इससे पहले दोनों कंपनियों ने 1997 में मैंडो ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (मेल) की स्थापना करने के लिए समझौता किया था। जो ब्रेक प्रणाली का निर्माण करती है।

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